टिकट न मिलने का दर्द राजद नेता ने आँखों से छलका, खबू रोये और कहा…

लोक सभा चुनाव का आगाज़ हो चुका है| एक दौर का मतदान भी हो गया है| इस चुनाव में सियासी घमासान के बीच नेताओं की तरफ से आपत्तिजनक बयानबाजी भी तेज हो गई है. चुनाव के मद्देनजर पार्टियों का चुनावी अभियान जारी है| अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी दिग्गज उम्मीदवार अपने संसदीय क्षेत्रों का दिन-रात दौरा कर रहे हैं और अच्छा  माहौल बनाने की कोशिश में जुटे हैं|

इस बीच बिहार में एक नया नज़ारा देखने को मिला बताते चले चुनाव 2019 में चंपारण से टिकट नहीं मिलने से नाराज राष्ट्रीय जनता दल नेता विनोद श्रीवास्तव फूट-फूटकर फफक फफक कर रो पडे । बताते चले विनोद श्रीवास्तव लालू यादव के पीए रह चुके हैं । नेता जी की सीट गठबंधन के नाम हो गई, जिस सीट की जुगत में श्रीवास्‍तव लंबे समय से थे वो गठबंधन के दूसरे दल रालोसपा के खाते में चली गई । नेता जी अब पीछे से हाथ मलते रह गए । मीडिया से बात की तो दर्द फूट पड़ा और रो पड़े ।

दरअसल, नेताजी पूर्वी चंपारण से लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन महागठबंधन में यह सीट राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के खाते में चली गई। इसके लिए उन्होंने आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को जिम्मेदार ठहराया है।

विनोद श्रीवास्‍तव ने कहा – मेरे साथ अन्‍याय हुआ
लालू यादव के पूर्व पीए विनोद श्रीवास्‍तव ने उन्‍होने रो-रोकर कहा – “मुझे लालू यादव ने नेता बनायाहै। राबड़ी देवी ने नेता बनाया है। पूरे चंपारण को मैंने सींचा है। चंपारण का हत्या हुआ है। लोगों ने मेरी हत्या की है। चंपारणवासियों की मैंने हमेशा सेवा की। मैं अंतिम क्षण तक लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के साथ रहूंगा। मेरे साथ अन्याय हुआ है। जिसने भी मेरे साथ साजिश के तहत अन्याय किया है, उसने अच्छा नहीं किया है। जय राजद, जय लालू, जय तेजस्वी।”

लालू फैमिली के करीबी हैं श्रीवास्तव

विनोद कुमार श्रीवास्तव का लालू यादव के करीबी रिश्ता रहा है। वो जो भी हैं वह लालू की बदौलत हैं। उन्हें लालू ने नेता बनाया है। जब लालू यादव मंत्री हुआ करते थे तब वह उनके निजी सचिव थे। दिल्ली में उनका सारा काम वही देखा करते थे। हालांकि इस बार टिकट नहीं मिलने पर उन्हें झटका जरूर लगा है।

पहले भी लड़ चुके हैं इलेक्शन

बता दें, 2014 में विनोद श्रीवास्तव राजद के टिकट पर पूर्वी चंपारण लोकसभा और 2015 में राजद के टिकट पर मोतीहारी विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार वह पूर्वी चंपारण से लोकसभा चुनाव लड़ना चाह रहे थे।

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