कोरोना काल के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल और ऑफिस में कंप्यूटर पर काम का समय बढ़ गया। हम दिनभर मोबाइल और कंप्यूटर की तरफ सिर झुकाए रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया के काइरोप्रैक्टर्स एसोसिएशन ने नए शोध में दावा किया है कि हम इसी तरह इन डिवाइस का ज्यादा इस्तेमाल करते रहे तो गर्दन और पीठ में कूबड़ निकल सकता है। वैज्ञानिकों ने इसे ‘टेक नेक’ नाम दिया है।
इस स्थिति में हमारी रीढ़ की हड्डी को झुकाव का सामना करना पड़ता है। ऑस्ट्रेलिया के रीढ़ विशेषज्ञों के मुताबिक, जब हम गर्दन आगे 60 डिग्री झुकाते हैं, तो रीढ़ पर 27 किग्रा वजन डालते हैं।
ऑफिस में लगातार काम करना खतरनाक
सिडनी की लेखिका ट्रुडी यिप कहती हैं, ऑफिस में रोज 12 घंटे काम करके गर्दन में कूबड़ जैसी स्थिति आ गई थी। सिरदर्द भी रहने लगा था। हफ्ते में 70 घंटे काम करने से बिस्तर पकड़ने की नौबत आ गई थी। रीढ़ विशेषज्ञों की सलाह पर ट्रुडी ने आठ हफ्ते तक रीढ़, गर्दन के अभ्यास किए। ऑफिस में पॉश्चर सुधारा और दिनभर में कई बार स्ट्रेच किया। तब जाकर वे पुराना स्वरूप हासिल कर पाईं।
अब गर्दन में दर्द और अकड़न आम
ऑस्ट्रेलिया में वयस्कों पर हुए शोध के मुताबिक 42% वयस्क गर्दन दर्द से परेशान थे। इतने ही लोग गर्दन अकड़ने की समस्या से जूझ रहे थे। 36% को सिर में दर्द और 25% लोग माइग्रेन से परेशान थे। करीब एक तिहाई ऑस्ट्रेलियाई वयस्कों ने कहा कि वे हर घंटे 5 से 30 बार अपने फोन का इस्तेमाल करते हैं। वहीं 10 में से एक ने माना कि वे ऐसा 40 बार तक करते हैं।