दुनियाभर में नींद बड़ी समस्या बनती जा रही है। 8 में से एक इंसान अनिद्रा का शिकार है। रात में नींद न आने से दिन भी खराब हो रहा है और काम करने की क्षमता घट रही है। ‘द स्लीप प्रिस्क्रिप्शन’ किताब के लेखक और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक डॉ. एरिक प्रैथरकहते हैं, अच्छी नींद इंसान को दयालु और क्रिएटिव बनाती है। यही नहीं, यह अच्छा पेरेंट और बेहतर जीवनसाथी बनाने में भी मददगार है। पैथर ने किताब में बिना दवा के अच्छी नींद के कई वैज्ञानिक तरीके बताए हैं।
बेडरूम को डार्क रखें, सोने की जगह नहीं तो दिशा बदलें
समाधान नहीं, समस्या लिखना काफी: दिन का कोई समय या सोने से पहले किसी निश्चित समय पर ऐसा करने से दिमाग पर वे परेशानियां सोते समय हावी नहीं होंगी। समस्या लिखिए, समाधान लिखने की जरूरत नहीं है।
बेडरूम का इंटीरियर बदल सकते हैं: एक ही जगह पर रोज एक ही तरीके से सोने से भी कई बार नींद नहीं आती। सोने की जगह नहीं बदल सकते तो दिशा बदल दीजिए। कमरे का इंटीरियर बदल सकते हैं।
पौष्टिक और हल्का खाना खाएं: शाम को पौष्टिक और हल्का नाश्ता करें। टहलने जाएं। गाना सुनें। अपने बगीचे में पौधों के साथ समय बिताएं। किताबों की अलमारियां साफ करें। परिवार के सदस्यों या फिर अपने दोस्तों से बात करें।
कमरे के तापमान का ख्याल रखें: लैपटॉप-कम्प्यूटर बेडरूम में न रखें। सोते वक्त कमरे को ठंडा और अंधेरा रखें। तेज रोशनी सोने नहीं देती। स्लीप मास्क का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है।
दिमाग को वक्त दें
दिमाग को लैपटॉप की तरह मत ट्रीट कीजिए। सोने के लिए दिमाग का शांत होना जरूरी है। काम खत्म होने के बाद खुद को समय दीजिए। अपने पसंदीदा पुराने टीवी शो देखिए।
अगर बिस्तर पर जाने के 20 मिनट तक नींद न आए तो उठ जाइए। घर में या छत पर टहलिए। किताबें पढ़िए।
चाय-कॉफी से दूरी बनाएं। कम से कम सोने के 6 घंटे पहले तो कोशिश करें कि न ही पीएं।