
दैनिक भास्कर ब्यूरो
बिन्दकी/फतेहपुर । राष्ट्रीय खाद्यान्न अधिनियम 2013 के अंतर्गत सस्ते मूल्यों में राशन वितरण का कार्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से बायोमैट्रिक मशीन द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान समय में राशन डीलरों को अधिकारियों के माध्यम से हार्डवेयर का कार्य बढ़ाने के चलते बिक्री रजिस्टर बनाना अनिवार्य कर दिया गया जिसके चलते एक उपभोक्ता को राशन वितरण में दस मिनट से अधिक का समय लग रहा है। उपभोक्ताओं ने बिक्री रजिस्टर का विरोध करते हुए रोष व्याप्त किया है।
बायोमेट्रिक के साथ अब कागजी कोरम पूरा करके ही मिल पाएगा खाद्यान्न
आपको बता दें कि जनपद के साथ समूचे प्रदेश में पिछले 6 वर्षों से कालाबाजारी को खत्म करने के उद्देश्य से वर्तमान सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को राशन वितरण का कार्य समस्त उचित दर विक्रेताओं के माध्यम से बायोमैट्रिक मशीन से करवाया जा रहा है। किंतु अभी हाल ही में अधिकारियों द्वारा मशीन के साथ बिक्री रजिस्टर भी बनाने के सख्त निर्देश दिए गए जिसके अनुपालनार्थ विक्रेता को दो गुनी मेहनत करनी पड़ रही है।
लगभग दो दर्जन से अधिक उपभोक्ताओं में रानी देवी पत्नी रामकुमारए छेद्दी पत्नी फगुनीए ऊषा देवी पत्नी प्रमोदए रजनी पत्नी महावीरए कौशल्या पत्नी ननकू आदि ने बताया कि इस माह राशन लेने में सुबह से लाइन लगाने के बाद शाम को मिल पाया क्योंकि कोटेदार द्वारा मशीन में अंगूठा लगवाने के बावजूद रजिस्टर में सारी फॉर्मेल्टी पूरी करके हस्ताक्षर करवाने के बाद ही राशन दिया गया जिसमें दस से पंद्रह मिनट एक उपभोक्ता में लग जाता है।
उन्होंने बताया कि इससे पहले उपभोताओं से मात्र अंगूठा लगवाकर राशन दे दिया जाता था जो जल्दी हो जाता था किंतु इस बार राशन उठाने में सारा का सारा दिन बर्बाद हो गया। उधर तहसील के कुछ विक्रेताओं से जब इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन सभी का एक स्वर में कहना रहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सुविधा के नाम पर शून्य तथा इतने कम कमीशन देने के बावजूद बराबर हार्ड वर्क करवाया जा रहा है। सभी विक्रेता चाहते हैं कि उपभोक्ताओं को लाइन में न लगकर घंटो अपनी बारी आने का इंतजार न करना पड़े। इसलिए बिक्री रजिस्टर बनाने में रोक लगाई जाए ताकि राशन वितरण जल्दी हो सके और उपभोक्ताओं को सुविधा मिल सकेए अन्यथा जैसे वितरण करवाने के निर्देश मिलेंगे उसी अनुसार वितरण कार्य किया जाएगा।
चाहे भले ही उपभोक्ताओं को लाइन में खड़े होकर अपनी बारी आने तक घंटो इंतजार ही क्यों न करना पड़े। अंत में उपभोक्ताओं ने रोष व्याप्त करते हुए वर्तमान सरकार से मात्र बायोमैट्रिक अर्थात मशीन के माध्यम से वितरण को करवाए जाने की मांग की। इस संबंध में पूर्ति निरीक्षक सिद्धांत सौरभ भूषण ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर शासन के निर्देशानुसार हस्तलिखित वितरण रजिस्टर का बनाना अनिवार्य है क्योंकि इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि उपभोक्ताओं ने राशन प्राप्त किया अथवा नहीं।