परसपुर, गोण्डा। परसपुर क्षेत्र में इस बार देर समय तक बरसात एवम् बाढ़ प्रभाव रहने से कहीं कहीं पर धान एवम् की फसलों में जलभराव होने से फसल चौपट हो गई जिससे किसानों के जीविकोपार्जन की समस्या बढ़ गई। खेतों में जलभराव व नमी होने से धान कटाई के समय किसानों को काफी मशक्कते झेलनी पड़ी है। वहीं गेंहू की बुवाई भी प्रभावित हुई है। गत माह सरयू घाघरा नदी के तटीय हिस्से में काफी दिनों तक जलभराव होने से किसानों का काफी नुकसान हो गया। जिससे गन्ना एवम् धान की फसल जलभराव के जद में आकर चौपट हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार अक्टूबर माह में नदियों के बाढ़ तांडव लीला से फसलों की काफी क्षति हुई है।
फसल नुकसान देख किसानों की बढ़ी बेचैनी
खेतों में पानी भरा रहने से धान एवम् गन्ने की फसल खराब हो गई। जिससे किसानों को जीविकोपार्जन की समस्या बढ़ गई। बताया जा रहा है कि अक्टूबर महीने में पहाड़ी नदियों बैराजों से छोड़े गए पानी से सरयू एवम घाघरा नदियों का जलस्तर बढ़ गया था। परसपुर क्षेत्र के चरसड़ी, बहुवन, रायपुर शिवगढ़, नरायनपुर जयसिंह, नरायनपुर साल, सरैया आदि गांव के किसानों की फसल प्रभावित हो गई। ज्यादा दिनों से जलभराव में फसल खराब होता देख किसान हतप्रभ हो गए।
चौपट होती फसल व जलभराव की समस्या से निजात पाने के लिए दीपावली के दरम्यान पंचवटी के समीप एल्गिन चरसड़ी तटबंध को काट दिया गया और बाढ़ व बरसात के जलभराव को सरयू नदी में समाहित होने पर नारायनपुर जयसिंह, चरसड़ी, नारायनपुर साल, सरैया के ग्रामीणों ने राहत की सांस लिया। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रतिवर्ष बरसात व बाढ़ के समय यह समस्या झेलनी पड़ रही है।