गांधीवादी तथा लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करेगा जैन समाज: सतीश जैन
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। जैन समाज के समक्ष आज तीर्थों को बचाना एक बड़ा मुद्दा बन गया है, हमारे सामने गुजरात में जूनागढ़ के जैन तीर्थ गिरनार का मामला भी एक बड़ा उदाहरण है। जैन समाज अगर यहीं नहीं जागा तो वो दिन दूर नहीं जब हमारे आस्था क्षेत्रों को असामाजिक तत्व कब्जा कर लेंगे। अथवा सरकारें अपने व्यापारी मित्रों को लाभ पहुंचानें के लिए उन्हें सैर सपाटे का केंद्र बना देंगी। जैन एकता मंच इसके विरुद्ध आज से ही बिगुल फूंकते हुए इस आंदोलन को गांधीवादी तथा लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाने का कार्य करेगा। जैन तीर्थों, संतों व धर्म की रक्षा सुनिश्चित हो जाने तक चैन से नहीं बैठेगा। उक्त संवाद जैन एकता मंच की बैठक के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश जैन ने कहें।
बैठक में तत्कालीन झारखंड व केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा जैन तीर्थ शिखरजी को पर्यटक क्षेत्र घोषित किए जाने को लेकर भी वक्ताओं ने अपने विरोध के स्वर बुलंद किए। बैठक में पिछले दिनों विदेश से लायी गयी 133 मूर्तियों में से 33 जैन मूर्तियां, जो जैन धर्म से संबंध रखती हैं, उन्हें जैनों को सौंपे जाने की मांग भी उठायी गयी। गौरतलब है, जैन एकता मंच की बैठक प्रदेश महामंत्री राकेश कुमार जैन के आवास पर आयोजित की गयी। बैठक का मुख्य मुद्दा संगठन के विस्तार व जैन धर्म के हितों की उपेक्षा के विरुद्ध रहा। बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश अध्यक्ष जनेश्वर जैन व संचालन राकेश जैन ने किया। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश जैन, राष्ट्रीय महामंत्री प्रमोद जैन, राष्ट्रीय चेयरमैन ‘संगठन’ नरेंद्र जैन राजकमल, युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव जैन मौजूद रहें। बैठक को राकेश जैन, रमेश चंद जैन खेकड़ा, प्रमोद जैन, नितिन जैन, एमएस जैन मेरठ, प्रदीप जैन गाजियाबाद, प्रदीप जैन सन्मति, सुनील जैन प्रवक्ता, प्रमोद जैन एडवोकेट, राकेश जैन मेरठ, आलोक जैन जिलाध्यक्ष मेरठ आदि ने भी संबोधित किया।
चार करोड़ से अधिक जैन समाज की संख्या
बैठक में मौजूद पदाधिकारियों ने अनेक मुद्दों पर विचार रखे व मंथन किया। मुख्य रूप से संगठन विस्तार, सरकार द्वारा जैन तीर्थों को लेकर लिए गए निर्णयों के विरुद्ध व तीर्थों की सुरक्षा को लेकर विचार-विमर्श हुआ। वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए संगठन में नौजवानों, राजनीति में जैन समाज की भूमिका, जनगणना के प्रति सजग रहने, शीघ्र ही प्रांतीय व राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर विचार रखें। बैठक में एक मत से निर्णय लिया गया, लोकतंत्र में संख्या बल से ही ताकत है। अनुमानित तौर से देश में जैन समाज चार करोड़ से अधिक है। आने वाले समय में होने वाली जनगणना में हमें यह बात साबित करनी होगी।
जैन धर्म को जागरूक व संगठित होने की आवश्यकता
राष्ट्रीय महामंत्री प्रमोद जैन व राष्ट्रीय चेयरमैन संगठन नरेंद्र जैन राजकमल ने संयुक्त रूप से कहा, अब जैन धर्म को जागरूक व संगठित होने की आवश्यकता है। सम्पर्क व संवाद के मंत्र को अपनाते हुए हम आगे बढ़ेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा शाखा गौरव जैन ने कहा, संगठन में युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। अधिकतर प्रदेशों में युवा शाखा का संगठन तेजी से आगे बढ़ रहा है। गौरव जैन ने यह भी कहा, हम सभी एकजुट हो गांधीवादी रास्तों को अपनाते हुए इस आंदोलन के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।