दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। पीटीआर में भ्रष्टाचार को लेकर की गई शिकायत एक माह बाद गायब हो जाती है और जिम्मेदार अधिकारी शिकायती पत्र ना मिलने की बात कह रहे हैं। मामला जिला अधिकारी कार्यालय और एसडीएम कलीनगर के बीच फंस गया है। भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष अमित संघर्षी ने पीटीआर सत्र शुरू होने से पहले 14 नवंबर को एक शिकायती पत्र देकर जिलाधिकारी से भ्रष्टाचार के मामले में कार्यवाही के लिए कहा था। पत्र को एक माह गुजर गया और कार्रवाई जानने के लिए जिला उपाध्यक्ष ने तहसील कलीनगर एसडीएम शिखा शुक्ला से बात की तो उन्होंने शिकायती पत्र मिलने से स्पष्ट मना कर दिया।
कलीनगर एसडीएम ने शिकायती पत्र देने से किया इनकार
अब इसके बाद शिकायती पत्र का रहस्य अधिकारियों के लिए सर दर्द बनता जा रहा है। पत्र के मामले में कार्यालय जिलाधिकारी से जानकारी जुटाई जाने पर पता चला कि शिकायती पत्र एसडीएम कलीनगर को भेजा गया है। लेकिन, कलीनगर उप जिलाधिकारी शिखा शुक्ला इस बात को मानने को तैयार नहीं है। शिकायती पत्रों की बात करें तो जब जिलाधिकारी कार्यालय से भेजा गया पत्र कलीनगर पहुंचने से पहले ही गायब हो जाएगा तो किसी अन्य फरियादी की शिकायत पर अधिकारी कैसे कार्रवाई करेंगे यह बड़ा सवाल है।
पीटीआर में अवैध वसूली का मामला
अमित संघर्षी जिला उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी ने 14 नवंबर को जिलाधिकारी को संबोधित शिकायती पत्र में पीलीभीत टाइगर रिजर्व चुका स्पॉट पर बिना बोली लगाए कैंटीन का आवंटन और मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस पर पहुंचने वाली गाड़ियों से अवैध पार्किंग के रूप में रुपए 100 प्रति वाहन की वसूली करने का गंभीर आरोप लगाया गया था। अब खास बात यह है कि एक माह बाद भाजपा के जिला उपाध्यक्ष के शिकायती पत्र पर कार्यवाही तो दूर अधिकारियों ने शिकायती पत्र ही गायब कर दिया है।
इंसेट बयान – शिखा शुक्ला, एसडीएम कलीनगर पीटीआर की शिकायत के संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, ऑफिस में दिखवाने के बाद भी कोई शिकायती पत्र नहीं मिला है।