शाहजहांपुर: स्टेट बैंक से धोखाधड़ी कर रुपए निकालने वाले गैंग का पर्दाफास

जलालाबाद/ शाहजहांपुर: भारतीय स्टेट बैक शाखा जलालाबाद से धोखाधडी कर , चैक बुक चोरी कर चेक पर कुट रचित हस्ताक्षर बनाकर रुपये निकालने वाले गैग के चार अभियुक्त को पुलिस ने मोबाईल फोन ,आईटेन गाडी आदि के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है । जलालाबाद के तहसील रोड पर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से धोखाधड़ी करके चेक के माध्यम से महिला के खाते से 770000 उड़ाने के आरोप में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है ।

उमा देवी पत्नी रामप्रकाश निवासी ग्राम नगरिया बुजुर्ग थाना जलालाबाद शाहजहाँपुर के द्वारा लिखित सूचना दी गई थी कि भारतीय स्टेट बैक तहसील रोड जलालाबाद मे प्रार्थिनी का बचत खाता है। वर्ष 2020 मे चैक प्राप्त करने हेतु बैक मे प्रार्थना पत्र दिया था। चेक बुक नही मिली। इसी बीच सात चेक के द्वारा वादिनी के खाते से सात लाख सत्तर हजार रुपये निकाल लिये। दिनाक 18.अक्टूबर 2022 को पास बुक मे इन्ट्री कराते समय जानकारी हुयी। लिखित तहरीर पर दिनाक 13.दिसंबर को धारा 420 IPC पजीकृत किया गया।

अजय कुमार राय क्षेत्राधिकारी जलालाबाद के नेतृत्व मे प्रभारी निरीक्षक प्रवीन सोलंकी द्वारा मय हमराह पुलिस बल के घटना का सफल अनावरण करते हुये चैक बुक पर फर्जी हस्ताक्षर पर 07 लाख 70 हजार की ठही करने वाले अभियुक्त करन पुत्र रामचरन निवासी गाधीनगर 2- शिवराम पुत्र रामप्रसाद निवासी रुस्तमपुर चक , दीपक पुत्र पह्रलाद सागर निवासी अम्बेडकरनगर कस्बा ,सुशमी पुत्री पप्पू कुमार निवासी अम्बेडकरनगर कस्बा व थाना जलालाबाद को गिरफ्तार किया गया ।गिरफ्तार किए गए आरोपियों के कब्जे से 20 हजार रुपये , तीन मोबाईल फोन , एक आई टेन गाडी , बरामद किये गये ।

आरोपियों ने पुछताछ पर बताया कि शिवराम पुत्र रामरप्रसाद बैक मे चपरासी का काम करता है व करन पुत्र रामचरन बैक मे सफाई कर्मचारी है। इन दोनो ने मिलकर वादिनी उमा देवी के खाते से चैक द्वारा रुपये निकालने की योजना बनाई। शिवराम ने बताया कि उमा देवी के खाते मे मोबाईल नम्बर एक्टीवेट नही है और इसकी चैक बुक बैक मे ही पडी है यदि इसके खाते से थोड़ी थोडी रकम चैक द्वारा निकाली जाये तो इसके पास SMS नही जायेगा औऱ पैसे निकालने का पता भी नही चलेगा।

शिवराम ने बैक से निकालकर चैकबुक करन को दी और खाते का बेलेन्स व पुरानी विदड्राल फार्म मे उमा देवी के हस्ताक्षर दिखाये। जिस पर करन ने उमा देवी के हस्ताक्षर करने का अभ्यास किया और अलग अलग दिनांको के अलग अलग चैक भरके दीपक को दिये दीपक ने एक चैक स्वंय भुगतान कराया और बाद मे किसी को शक ना हो तो बाकी चैक अपनी भतीजी सुशमा से अलग अलग दिनांको मे कुल 7 लाख 70 हजार रुपये निकाल लिये और आपस मे बाट लिये निकाले हुये पैसे मौज मस्ती मे खर्च कर दिये ।वही सबसे खास बात यह है किस शाखा प्रबंधक व कैशियर को जो कि इस फर्जीवाड़ा में शामिल रहे उनको अभी तक जेल नहीं भेजा गया है जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है।

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