सुल्तानपुर; अब गांववासी भी सैर-सपाटा कर पर्यटन का लेंगे आनंद-मुख्य विकास अधिकारी

सुल्तानपुर। जिले में निर्माणाधीन अमृत सरोवरों के अधूरे पड़े निर्माण कार्य को युद्ध स्तर पर चलाने और उसे भव्यता प्रदान करने का बीड़ा जिले के मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने उठाया है। उनका मानना है कि गांवों में बनने वाले अमृत सरोवरों के सुंदर निर्माण से शहरों की तरह गांव के लोग भी सुबह-शाम सैर-सपाटा कर पर्यटन का आनंद ले सकेंगे। हालांकि बजट की कमी के चलते अभी अमृत सरोवरों के निर्माण कार्य और उसे भव्य रूप देने के कार्य में तेजी नहीं आ पा रही है। लेकिन मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने इसके लिए अब गांवों में अधूरे पड़े अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य और उसे भव्य बनाने के कार्य को युद्ध स्तर पर चलाने का खाका तैयार कर लिया है।

सीडीओ श्री कौशिक कहते हैं कि जिले में 242 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य मिला था, जिसे बहुत जल्द पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि अमृत सरोवरों का निर्माण इस ढंग से होना है ताकि यह आसपास के गांवों के लोगों को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकें और लोग यहां सैर-सपाटा कर आनंद उठा सकें। यह बातें मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने दैनिक ‘भास्कर’ के साथ हुई एक भेंटवार्ता में कही।

ग्राम पंचायतों में बनें अमृत सरोवरों से बढ़ेगा पर्यटन का क्रेज

सीडीओ अंकुर कौशिक ने बताया कि जिले भर में चयनित अमृत सरोवरों पर खोदाई का काम शुरू हो गया है। मनरेगा की पूंजी से यह सरोवर खोदे जाएंगे। जबकि अन्य विभागों की योजनाओं से इन्हें लाभांवित कर संवारा जाएगा। ग्राम सभा इन्हें सुंदर बनाने के लिए ग्राम निधि भी खर्च कर सकेगी। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास यह है कि प्रत्येक गांवों में एक ऐसा सरोवर होगा, जिससें सुबह-शाम घूमने की दृष्टि से जाया जा सके।

गौरतलब है कि ऐसे सरोवरों की कल्पना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। जिसे जिले के मुख्य विकास अधिकारी साकार रूप देने में लगे हैं। बता दें कि जिले में बनने वाले अमृत सरोवरों को मॉडल के तौर पर विकसित करने की रूपरेखा सीडीओ की है।

सीडीओ श्री कौशिक की इसी संकल्पना को अमलीजामा पहनाने के लिए जिले में इन सरोवरों के निर्माण की कवायद तेज हो गई है। जिसे पूरा करने के लिए सीडीओ अंकुर कौशिक ने अफसरों की बैठक कर इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश पूर्व में दिए हैं। सीडीओ अंकुर कौशिक ने बताया कि अमृत सरोवरों के निर्माण के लिए यह तय कर दी गई है कि इसमें वह तालाब लिए जाएंगे जो गांव में पहले से हैं तो, लेकिन अवैध कब्जे के शिकार हैं। चयनित होने वाले तालाबों का क्षेत्रफल एक हेक्टेयर से कम नहीं होगा। इससे बड़े क्षेत्रफल के तालाब ही योजना में शामिल किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरोवर में पानी जाने के लिए आउटलेट और इनलेट बनाए जाएंगे।

तालाब में उतरने के लिए रैंप बनेंगे तो वहीं तालाब के चारों तरफ ट्रैक बनाया जाएगा। बैठने के लिए बेंच लगेंगी और चबूतरों का निर्माण कराया जाएगा। यहां पर एक सामुदायिक शौचालय और एक-एक सामुदायिक भवन भी बनाए जाएंगे। इन स्थलों का उपयोग सार्वजनिक कार्यों के लिए भी हो सकेगा। अमृत सरोवरों के बारे में डीसी मनरेगा अनवर शेख ने बताया कि जिले में 242 तालाब खोदाई के लिए चिन्हित हैं। सरोवर खोदाई कार्य मनरेगा से होगा शेष कार्य अन्य स्कीमों से पूर्ण कराए जाएंगे। कोशिश है कि सरोवरों के निर्माण कार्य और उन्हें भव्यता प्रदान करने का काम बहुत जल्द शुरू हो जाए, ताकि यह बनकर तैयार हो जाएं।

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