
दैनिक भास्कर ब्यूरो
जरवल/बहराइच। प्रत्याशियो के सामने गुड़ भरी हसिया की कहावत चरितार्थ हो रही है। तो दूसरी तरफ अदालत का चाबुक सूबे के जिम्मेदारों के सर पर धूमता दिख रहा है चुनाव टालने की प्रबल संभावना भी है। ऐसे में सभासद व चेयरमैन पद के दावेदारों के माथे से पूस की हांड कपा देने वाली सर्द हवाओं में भी पसीना छुड़ता नजर आ रहा है। वैसे नगरीय चुनाव के अन्दर खाने से जो चुनावी बयार बह रही है। तो पता चल रहा है कि गरीब तबके के लोगो की अपेक्षाए करोड़ो खर्च कर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशीयो की तरफ कुछ ज्यादा ही है।
शासन और कोर्ट की दो पाटों में फंसे प्रत्याशियो का बुरा हाल वोटरों की बल्ले-बल्ले
फिर हो भी न कैसे जो एसे प्रत्याशियो ने वोटरों को खरीदने का जो मन बना लिया था। वैसे चुनावी बैतरणी पार करवाने वाले कुछ लोग भी यहाँ अपना उल्लू सीधा करने के लिए कुछ धनाढ्य प्रत्याशीयो के सामने एसे गुणा-गणित बताते है जैसे वोटर उनकी कठपुठती हो और शाम ढलते ही दारू मुर्गा के जुगाड़ में नजर आते है एसे लोगो पर वोटरों की निगाह भी लगी रहती है।कि कही उन्हे बेचा तो नही जा रहा।एसे लोगो के साथ वोटर भी खूब गलबहियां कर खूब मजा ले रहा है। वैसे चुनाव की कब घोषणा होती है भविष्य के गर्भ में जरूर है। पर यदि वोटरों की कसौटी पर धनाढ्य प्रत्याशी खरे न उतर पाए तो वोटर भी एन वक्त पर प्रत्याशियो को जरूर अंगूठा दिखा सकता है।के लिए भी तैयार रहे।
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वोटर बिकता है बोलो खरीदोगे ?
जरवल। नगर पंचायत जरवल में चुनाव कब होंगे का शंखनाद भले ही कब होता है। पर एक बात जरूर छन कर सामने आ रही है।कि कुछ चेयरमैन पद के धनाढ्य प्रत्याशीयो का ये शगूफा चुनाव करोङो में होगा उनकी जुबानी करतूतों ने वोटरों के साथ कुछ व्यवसायिक नेताओं के राल जरूर टपका रही है। वैसे एसे धनाढ्य प्रत्याशियो की जब दैनिक भास्कर ने नब्ज टटोली तो वे लोग अपनी जुबान को खोला ही नही बस इतना कहा हा चुनाव तो नोट का होता है कुछ और चर्चा होती कि लोग सरकने लगे।