VIDEO : अनुभव सिन्हा की फिल्म आर्टिकल 15 के खिलाफ हुआ यूपी जातीय संगठन, जानिए क्यों

Anubhav Sinha film Article 15 has earned trouble from Brahmin community in Uttar Pradesh

मुंबई,  । मुल्क के बाद अनुभव सिन्हा की नई फिल्म आर्टिकल 15 है, जो रिलीज के लिए तैयार हो गई है। पिछले सप्ताह फिल्म का ट्रेलर लांच हुआ और इस ट्रेलर को लेकर उत्तर प्रदेश के कुछ जातीय संगठनों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। इस फिल्म की कहानी का आधार सन 2014 में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के एक गांव की घटना है, जिसमें एक जाति की दो बच्चियों का दुष्कर्म करने के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी और उनके शरीरों को पेड़ से टंगा पाया गया था। इस घटना की गूंज देश भर में हुई थी और दिग्गज नेताओं ने उस गांव का दौरा किया था और मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था।

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अनुभव सिन्हा की फिल्म में तीन बच्चियों के साथ इसी तरह से हुए जघन्य हत्याकांड की जांच कर रहा पुलिस इंस्पेक्टर उच्च जाति के लड़के को दोषी पाता है, ट्रेलर में दिखाए गए इस सीन को लेकर इस जाति के संगठन इसे अपने समुदाय का अपमान बता रहे हैं और धमकियां दे रहे हैं कि अगर फिल्म में ये सीन दिखाया गया, तो इसका विरोध किया जाएगा।

 

अनुभव सिन्हा इस विवाद पर कुछ नहीं कहते, लेकिन ट्रेलर लांच के वक्त उनका कहना था कि ये एक सच्ची घटना से प्रेरित काल्पनिक कहानी पर आधारित फिल्म है, जिसे किसी भी ऐसी वारदात से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। उनका कहना है कि ये फिल्म भारतीय संविधान द्वारा आम आदमी को प्रदत्त उस अधिकार को लेकर बनी है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी शासक अथवा प्रशासक किसी भी आधार पर देश के किसी भी नागरिक में जातीय आधार पर कोई मतभेद नहीं कर सकता।

 

आयुष्मान खुराना ने इस फिल्म में जांच करने वाले पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है। फिल्म बनकर तैयार हो गई है, लेकिन अभी तक इसे सेंसर सार्टिफिेकेट नहीं मिला है। अनुभव सिन्हा मानते हैं कि सेंसर बोर्ड उनकी फिल्म से जुड़े सभी मुद्दों को देखेगा। ये फिल्म 28 जून को रिलीज होने जा रही है।

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