गोंडा : 33 साल से उधारी के मकान पर चल रहा आयुर्वेदिक अस्पताल

बालपुर, गोंडा। 33 वर्षों से उधार के समुदायिक विकास केन्द्र भवन में राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल सर्वांगपुर संचालित हो रहा है। सोमवार को डाक्टर व फार्मासिस्ट दोनों अस्पताल से गायब रहे और यह अभूतपूर्व तालाबन्दी का शिकार रहा। कटरा बाजार विकास खण्ड की ग्रामपंचायत सर्वांगपुर में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय पिछले 33 सालों से उधार के सामुदायिक विकास केन्द्र भवन में संचालित हो रहा है।

सोमवार को यहां कार्यरत डाक्टर रचना गुप्ता व फार्मासिस्ट हरपाल सिंह समेत दोनों स्वास्थ्यकर्मी गायब रहे। इस अस्पताल में सुबह 11 बजे पहुँचने पर कोई नहीं मिला और तालाबन्दी का शिकार रहा। इससे क्षेत्रवासियों का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति से करने को लेकर संचालित हो रही सरकारी योजना यहां दम तोड़ती दिखाई पड़ी। यहां के स्वास्थ्यकर्मियों के आने जाने का कोई निश्चित समय नहीं है और मनमानी घरजानी चल रही है।

यह अस्पताल इस क्षेत्र के ग्रामीणों का कितना बढ़िया इलाज करता होगा इसकी दुर्दशा देखकर इसका अंदाजा बेहद आसानी से लगाया जा सकता है। अस्पताल भवन के अन्दर खिड़की से एक तख्त व चारपाई पर बिस्तर लगा हुआ दिखाई पड़ा लेकिन कोई सोने वाला नजर नहीं आया। इससे यह लगा कि यह अस्पताल बदहाली का शिकार होकर रह गया है। सामुदायिक विकास केन्द्र सर्वांगपुर के भवन का 33 वर्षों पहले पाॅच जून 1989 को शिलान्यास तत्कालीन गोंडा सांसद कुंवर आनन्द सिंह के द्वारा किया गया। कटरा बाजार के खण्ड विकास अधिकारी कमला प्रसाद सिंह के कार्यकाल में इसका निर्माण कराया गया।

इस दौरान यहां के ब्लॉक प्रमुख राम सेवक त्रिपाठी व ग्राम प्रधान दुर्गा प्रसाद सिंह रहे। 2016 में ग्राम प्रधान माधवी सिंह पत्नी रज्जन सिंह के कार्यकाल में इसका जीर्णोद्धार कराया गया। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी डाण् प्रदीप कुमार शुक्ला ने कहा कि यदि सर्वांगपुर राजकीय अस्पताल बन्द रहता है तो यह बिल्कुल गलत है। यहां कार्यरत डाक्टर समेत स्वास्थ्यकर्मियों के विरुद्ध जांच की जायेगी। ग्राम प्रधान उमापति त्रिपाठी का कहना है कि आयुर्वेदिक अस्पताल जनता के इलाज के लिए समय से जरूर खुलना चाहिए। यदि नहीं खुलता है तो जिले के अधिकारियों से यहां के डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों की शिकायत करके उनके विरुद्ध कार्रवाई कराई जायेगी।

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