
सांडा-सीतापुर। भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा के तहत प्रदेश में हो रहे मनरेगा कार्यों के लिए अब ऑनलाइन हाजिरी एनएमएमएस साइट पर जाकर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसका पंचायत प्रतिनिधियों ने विरोध किया है। इस विरोध के चलते सकरन ब्लॉक अखिल भारतीय प्रधान संघ ने इन आदेशों के खिलाफ बीडीओ चन्द्रभान को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया है।
संगठन के अध्यक्ष सुंदरलाल तिवारी ने बताया की एनएमएमएस ऐप के माध्यम से मनरेगा कार्य स्थल पर श्रमिकों की दो बार उपस्थिति प्रमाणित करना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया अधिकांश ग्रामों में नेटवर्क की समस्या बनी रहती है। जिससे एनएमएमएस ऐप के माध्यम से श्रमिकों की उपस्थिति अंकित नहीं हो पा रही है तथा मस्टररोल शून्य हो जाता है।
भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा द्वारा जारी 23 दिसंबर 2022 के उक्त आदेश को वापस लिया जाए। राज्य वित्त आयोग व प्रशासनिक सुधार आयोग की समस्त प्रमुख सिफारिशों को उत्तर प्रदेश में लागू किया जाए। सहायक सचिव, कम डाटा एंट्री ऑपरेटर।
शौचालय केयरटेकर एवं प्रधान के मानदेय की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा अलग से करने का वादा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया था जिस पर तत्काल अमल किया जाए। इस अवसर पर बृजेश, उषा सिंह, गीता देवी, माया देवी, मनोरमा मिश्रा, नीलम, अवधेश वर्मा, मोहम्मद हारून, नंदकिशोर, रुचि वर्मा, राजकुमारी, रामजीवन, शैल कुमारी, हरद्वारी, नुसरत जहां, शिवकुमार आदि दर्जनों प्रधान मौजूद रहे।