बहुराज्यीय सहकारी निर्यात समिति – विकास का एक नया आयाम

भास्कर समाचार सेवा

फिरोजाबादl डॉ0 एम0 के0 झा, संकाय सदस्य
इंदिरा गाँधी सहकारी प्रबंध संस्थान, लखनऊ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहु-राज्य सहकारी समिति (एमएससीएस) अधिनियम, 2002 के तहत संबंधित मंत्रालयों, विशेष रूप से विदेश मंत्रालय तथा वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के समर्थन से एक राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी निर्यात समिति की स्थापना और इसके संवर्धन को मंजूरी दे दी है।सम्बंधित केंद्रीय मंत्रालय, ‘संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण’ का पालन करते हुए अपनी निर्यात संबंधी नीतियों, योजनाओं और एजेंसियों के माध्यम से सहकारी समितियों और संबंधित संस्थाओं द्वारा उत्पादित सभी वस्तुओं व सेवाओं के निर्यात के लिए प्रस्तावित समिति को समर्थन प्रदान करेंगे।
यह समिति सहकारी समितियों को भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की विभिन्न निर्यात संबंधी योजनाओं और नीतियों का लाभ प्राप्त करने में भी सहायता प्रदान करेगी। जहां समिति के आने से सदस्य, एक ओर अपनी वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात के माध्यम से बेहतर मूल्य प्राप्त करेंगे, वहीँ दूसरी ओर वे समिति द्वारा उत्पन्न अधिशेष से वितरित लाभांश द्वारा भी लाभान्वित होंगेl प्रस्तावित समिति के माध्यम से सहकारी समितियों के समावेशी विकास मॉडल के माध्यम से सहकार से समृधि के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए वैश्विक बाजार में भारतीय सहकारी समितियों की प्रभावी उपस्थिति दर्ज हो पाएगी एवं यह समितियां सहकारी योजनाओं एवं नीतियों से भी लाभान्वित हो पाएंगे परिणाम स्वरूप उच्च निर्यात के लक्ष्य प्राप्ति के साथ वस्तु एवं सेवा उत्पादन में अभिवृद्धि के कारण अधिक से अधिक रोजगार सृजन भी हो पाएगा ।प्रस्तावित समिति के माध्यम से होने वाले उच्च निर्यात के कारण सहकारी समितियां, विभिन्न स्तरों पर अपनी वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में वृद्धि करेंगी, जिससे सहकारी क्षेत्र में रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा होंगेl वस्तुओं के प्रसंस्करण और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सेवाओं को बेहतर बनाने से भी रोजगार के अतिरिक्त अवसर पैदा होंगे। सहकारी उत्पादों के निर्यात में वृद्धि, “मेक इन इंडिया” को भी प्रोत्साहन देगी, जिससे अंततः आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा।

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