दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। एक दुर्घटना के बाद प्रदेश भर में ट्रैक्टर-ट्रॉली पर यात्रा करना अपराध घोषित है, गांव देहात के मेला दशहरा में होने वाली भीड़ भाड़ में ट्रैक्टर ट्रॉली पर ही सवारियां ढोई जाती है। पिछले बरस 2 अक्टूबर से ट्रैफिक नियमों को परिवर्तित करते हुए ट्रैक्टर ट्रॉली पर यात्रा करना प्रतिबंधित कर दिया गया है। नियम विरुद्ध ट्रैक्टर ट्रॉली पर सवारियां ढोने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश हैं और दस हजार जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है।
एआरटीओ बोले , ट्रैक्टर ट्रॉली पर यात्रा करने पर लगेगा दस हज़ार का जुर्माना
पीलीभीत की नदियों पर लगने वाले मेले में पहुंचने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली का चालान काफी पहले से है। लेकिन, इस बार माघ मेला में कार्रवाई का साया धार्मिक आस्थाओं के बीच आ रहा है। धार्मिक नदियों के घाट पर मौनी अमावस्या के दिन हजारों की तादात में पहुंचने वाले सनातन धर्म के लोग पूजा-अर्चना और विशाल भंडारे भी आयोजित करते हैं। दान-धर्म और मोक्ष प्राप्त करने के लिए मौनी अमावस्या का सनातन धर्म में बड़ा ही महत्व बताया गया है। गांव देहात क्षेत्र में बसी बड़े पैमाने पर आबादी मौनी अमावस्या के दिन ट्रैक्टर-ट्राली पर यात्रा करने के बाद ही नदियों के घाट पर पहुंचकर स्नान और ध्यान करती है।
ट्रैक्टर-ट्रॉली को कच्चे रास्तों पर ले जाना कहीं पर मजबूरी है तो कहीं यातायात के संसाधनों का अभाव का कारण भी है। नदियों के घाट तक पहुंचने के लिए लग्जरी गाड़ियां और यात्रा के अन्य साधन भी रेत से भरे रास्तों पर चलने के लिए अनुपयोगी है। इसके चलते ही गांव देहात और दूरदराज के लोग खेती-किसानी से जुड़े परिवार ट्रैक्टर-ट्रॉली को ही सबसे अच्छा साधन मानते हैं। एकमात्र यही कारण रहता है कि धार्मिक यात्राओं में ट्रैक्टर-ट्राली का इस्तेमाल हमेशा से होता आया है। इस मौनी अमावस्या पर आस्था के आगे यातायात के नियम आड़े आ रहे हैं , अब यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा सरकार में अधिकारी इस आदेश का पालन और लोगों की आस्था के बीच संतुलन किस प्रकार से बनाते हैं।
एआरटीओ वीरेंद्र सिंह का बयान
ट्रैक्टर-ट्राली पर यात्रा ना करें इसके लिए लोगों को जागरूक किया गया, चेकिंग कराई जा रही है और ट्रैक्टर ट्रॉली पर दस हजार रूपये का जुर्माना है।