परसपुर, गोण्डा। पसका सूकरखेत में त्रिमुहानी तट शनिवार को जय सरयू मईया, जय वाराह भगवान के गगनभेदी जयकारे से सम्पूर्ण सूकरखेत गुंजायमान हो उठा। माघ अमावस्या स्नान को लेकर श्रद्धालुओं ने सरयू संगम में आस्था की डुबकी लगाई। पाँच जनवरी से प्रारंभ पसका मेला में 21 जनवरी अमावस्या को दूरदराज आसपास क्षेत्रों से आये मेलार्थियों की काफी भीड़ रही है। श्रद्धालुओं ने पसका त्रिमुहानी तट पर सरयू संगम में स्नान ध्यान किया। वाराह मन्दिर में पूजा पाठ दर्शन परिक्रमा किया। श्रीगुरु नरहरि आश्रम में मत्था टेककर मिन्नतें किया। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने भौरीगंज सरयू तट, तुलसी तट, जम्बू द्वीप तीर्थ पहुंचकर सरयू नदी में स्नान दान किया।
सूकरखेत महोत्सव, पसका मेला में उमड़े अपार श्रद्धालु
पसका सूकरखेत में सरयू घाघरा दो पावन नदियों का पवित्र संगम स्थल है। विश्व ग्रन्थ श्रीराम चरित मानस के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर एवं गुरु नरहरि आश्रम स्थित है। सूकरखेत में कड़ाके की ठंडक में माह भर सरयू संगम तट पर साधु संतों ने जप तप कीर्तन भजन कल्पवास किया। पौराणिक मान्यता है कि पसका सूकरखेत में भगवान विष्णु का वाराह रूप में अवतार स्थल माना गया है। काल कालांतर में भगवान विष्णु ने वाराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष नामक महादैत्य का संहार किया, और धरती माता को उसके चंगुल से मुक्त कराया था।
कल्पवासी साधु संतों द्वारा नित्य संगम स्नान ध्यान, पूजा पाठ व कीर्तन भजन धार्मिक अनुष्ठान आयोजन से लघु प्रयाग बने पसका सूकरखेत में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर सरयू संगम में आस्था की डुबकी लगाई। परसपुर थाना के इंस्पेक्टर संतोष सरोज ने अपने हमराही पुलिस बल के साथ पहुंचकर मेला में शांति सुरक्षा का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मेला में शांति सुरक्षा दृष्टिगत पर्याप्त पुलिस फोर्स की मुस्तैदी रही है।