सुल्तानपुर : अब किसानों के साथ 19 कॉलमों वाली खतौनी से नहीं होगा फर्जीवाड़ा

सुल्तानपुर। किसानों की खतौनी लगाकर हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए शासन ने राजस्व महकमें के जिम्मेदारों को नया ऐप अपलोड करने का निर्देश दिया है। शासन का निर्देश मिलते ही राजस्व महकमा डिजिटल खतौनी के पुराने ऐप को डिलीट कर नए ऐप को अपलोड करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए जिले के एक दर्जन से अधिक लेखपालों और राजस्व कर्मियों को ट्रेनिंग दी जायेगी और वही ट्रेनिंगशुदा लेखपाल और राजस्व कर्मी अन्य लेखपालों और कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे। यह जानकारी मुख्य राजस्व अधिकारी ने दी।

अब दूसरे किसान की खतौनी कोई और किसान या व्यक्ति कहीं लगाकर या दिखाकर सुविधाएं नहीं ले सकेगा, क्योंकि शासन ने सूबे में बड़े स्तर पर हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए डिजिटल खतौनी के पुराने ऐप को डिलीट कर नया ऐप अपलोड करने का निर्देश राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को दिया है। जिस पर जिले का राजस्व महकमा सक्रिय हो गया है। इसके लिए तहसीलों में तैयारी शुरू करा दी गई है।

नई डिजिटल खतौनी में दर्ज रहेगा किसानों का सम्पूर्ण विवरण

डिजिटल खतौनी के पुराने ऐप को डिलीट कर नए ऐप को अपलोड करने से किसानों की खतौनी का प्रारूप बदल जाएगा। नए ऐप अपलोड होने से अब तक 21 कॉलम में बन रही खतौनी सिर्फ 19 कॉलम की हो जाएगी। 19 कॉलम की निकलने वाली डिजिटल खतौनी में किसान और उसकी जमीन से संबंधित सभी जानकारियां दर्ज रहेगी। सीआरओ ने बताया कि फर्जी आधारकार्ड बनाकर ऑनलाइन खतौनी निकालकर दूसरे के नाम दर्ज जमीन को धोखाधड़ी से बैनामा करा लिया जाता था।

लेकिन अब नई डिजिटल खतौनी ऐप अपलोड हो जाने से 19 कॉलम की मिलने वाली खतौनी के फर्जी होने या किसी भी प्रकार के शक होने पर एक क्लिक में ही असली किसान के बारे में सारी जानकारियां सामने आ जाएगी। पहले खतौनी की नकल भूलेख पोर्टल से उपलब्ध होती थी, लेकिन अब इस पुराने पोर्टल को लॉक कर नया ऐप पोर्टल भूलेख यूपी कर दिया गया है। सीआरओ ने कहा कि नए ऐप पर नई डिजिटल खतौनी के 19 कालमों को भरने और उसे पूरा करने की जिम्मेदारी लेखपालों को दी गई है।

19 कॉलम वाली खतौनी पूरी तरह डिजिटल होगी। इसके पहले वाली खतौनी में सिर्फ किसान का नाम, गाटा संख्या या खाता संख्या और क्षेत्रफल का ही विवरण होता था। लेकिन अब नई डिजिटल खतौनी में किसान का नाम, मोबाइल नम्बर, आधार नम्बर, खतौनी में अंकित भूमि कितनी बार बिक्री हुई इसका पूर्ण विवरण, बैंक से कर्ज की धनराशि, बैंक का नाम, गाटा संख्या, खाता संख्या, क्षेत्रफल, खसरा नम्बर और हिस्सेदारों के नाम दर्ज रहेगा।

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