औरैया : झोपड़ी में गुजर-बसर कर रही महिला को नहीं मिला आवास, अनशन पर बैठी पीड़िता

बिधूना/औरैया। सरायं प्रथम गांव के कच्चे मकान एवं झोपड़ी में जिन्दगी बसर कर रही महिला को सुविधा शुल्क ना दे पाने के कारण सरकारी आवास नहीं मिल सका है। पीडि़त महिला की मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत के साथ मुख्यमंत्री को रजिस्टर्ड शिकायती पत्र भेजे जाने के बावजूद संबंधित अधिकारियों ने बिना मौके पर जांच पड़ताल किए पीडि़ता को अपात्र होने की आख्या भेज दी है जिससे गरीब बेबस महिला शिकायत करती दर दर भटक रही है साथ ही जल्द आवास ना दिलाए जाने एवं लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई ना होने पर खंड विकास कार्यालय पर पति समेत भूख हड़ताल को मजबूर हो सकती है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक विकासखंड बिधूना की ग्राम पंचायत सरायं प्रथम निवासी परवीन बानो पत्नी आलम खान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को रजिस्टर्ड पत्र भेजने के साथ सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई थी कि पति हाथ से विकलांग है और वह भूमि हीन होने के साथ कच्चे मकान एवं झोपड़ी में रहकर अपने परिवार के साथ जिंदगी बसर कर रही है।

घूस नही दी तोेसीएम पोर्टल पर लगा दी अपात्र होने की आख्या

आवास के लिए ग्राम पंचायत द्वारा उसके नाम का प्रस्ताव भी किया गया था किंतु उसके द्वारा प्रधान द्वारा मांगी गई 30 हजार रुपए की सुविधा शुल्क न दे पाने के कारण आवास की सूची से उसका नाम कटवा दिया गया। पीडि़ता ने शिकायती पत्र में कहा है कि वह मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करने के साथ कच्चे जर्जर मकान एवं झोपड़ी में रहती है और ऐसे में किसी भी समय मकान गिरने की पैदा आशंका के चलते उसका परिवार बेहद भयभीत रहता है। सुविधा शुल्क न दे पाने के कारण उसके पात्र होने के बावजूद भी ग्राम प्रधान व संबंधित अधिकारी उसे आवास नहीं दे रहे हैं।

महिला की सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायत में खंड विकास अधिकारी बिधूना द्वारा बिना मौके पर किसी जांच-पड़ताल के ही भेजी गई आंख्या में उसे अपात्र दर्शा दिया गया है। गरीब बेबस महिला ने बताया है कि वह तहसील से लेकर जिले तक के आला अधिकारियों के पास गुहार लगा चुकी है लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी है। ऐसे में अब वह शीघ्र अपने परिवार के साथ खंड विकास कार्यालय बिधूना पर अनशन पर बैठने को मजबूर हुयी है।

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