भास्कर समाचार सेवा
मुरादनगर। दिल्ली मेरठ रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ नीरज कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश में क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए 2025 तक की योजना बनाई गई है। जिसके लिए एसीएफ प्रोग्राम 10 दिन तक चलेगा। जिसमें 20 टीम बनाई गई है एक टीम में 3 सदस्य होंगे। गांव में घर-घर जाकर लोगों को टीबी से बचाव के लिए जानकारी देंगे और लोगों को दवाई लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने बताया कि अगर घर में किसी एक मरीज को टीबी का रोग हो जाता है और वह उसका समय पर इलाज नहीं करा था तो 1 वर्ष के अंदर उसके कारण 15 लोग टीबी की बीमारी के शिकार हो जाते हैं। इसलिए टीबी के मरीज को इसका इलाज कराना चाहिए दूसरे को यह बीमारी ना पहले इसका ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि दो सप्ताह से अधिक समय की खांसी, सीने में दर्द, कमजोरी,वजन कम होना, शाम को बुखार आना हुआ कम लगना बलगम के साथ खून आना प्रभावित अंग के अनुसार लक्षण व रात में पसीना आना जैसे लक्षण है तो डॉक्टर के पास जाकर सलाह लें व जांच करानी चाहिए। डॉ नीरज कुमार ने बताया कि टीबी के इलाज के लिए प्रदेश में डेली रेजीमिन प्रणाली लागू की है। जिसमें टीबी के मरीजों को दवाईयां स्वास्थ्यकर्ता की देखरेख में खिलाई जाती है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सही दवाई निश्चित मात्रा में निश्चित समय पर और पूरी अवधि तक खाकर रोगी शीघ्र रोग मुक्त हो जाएं। टीबी के सफल इलाज के लिए सही दवाईयां निश्चित मात्रा में निश्चित समय और 6 से 8 माह तक लेना जरूरी है।