सीतापुर : बिन दूल्हा बारात साबित हो रही ग्राम चैपालें

मछरेहटा-सीतापुर। विकास खण्ड मछरेहटा में ग्राम पंचायतों में होने वाली ग्राम चैपालें बिन दूल्हा बारात साबित होती जा रही है क्योंकि इन ग्राम पंचायतों में विकास खण्ड स्तर के अधिकारी जाना ही नही चाहते हैं। ग्राम चैपालों में अधिकारियों के नाम पर केवल एक आध अधिकारी ही गांव पहुंचकर खाना पूर्ति को अंजाम दे रहे है। गांव की समस्याएं केवल इसी वजह से नही सुलझ पा रही है। बताते चले कि शुक्रवार को मछरेहटा विकास खण्ड की ग्राम पंचायत पहाड़पुर व भिठौरा में ग्राम चैपाल का आयोजन किया गया।

पहाड़पुर गांव के मजरा बबुरी खेड़ा में बने पंचायत भवन में ग्राम चैपाल का आयोजन किया गया। जहाँ गांव की महिलाएं व ग्रामीण अधिकारियों के आने का इन्तेजार करते दिखे और तो और ग्राम चैपाल में महिलाओं को फर्श पर ही बैठा दिया गया। समय करीब बारह बजे मछरेहटा विकास खण्ड के सहायक खण्ड विकास अधिकारी कृषि मुकेश पटेल व आजीविका मिशन से मिशन मैनेजर अंकित ग्राम चैपाल में पहुंचे। ठीक साढ़े बारह बजे सहायक खण्ड विकास अधिकारी पंचायत सन्दीप कुमार पहुंचते हैं।

केवल खानापूर्ति बनकर रह गई ग्राम चैपाल

ग्राम चैपाल में न तो कोई वरिष्ठ अधिकारी आया और न ही खण्ड विकास अधिकारी मछरेहटा प्रतीक यादव। इस ग्राम चैपाल सहायक खण्ड विकास अधिकारी समाजकल्याण अमिताभ वर्मा, विद्युत विभाग अवर अभियंता, जल जीवन मिशन, तकनीकी सहायक व बाल विकास पुष्टाहार विभाग से सीडीपीओ सीमा शर्मा व अवर अभियंता एमआई व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग का कोई अधिकारी नही पहुंचा। गांव के मुन्ना सिंह ने बताया कि ग्राम बबुरीखेड़ा में मुख्य मार्ग के निकास की समस्या काफी समय से बनी हुई है।

बारिश की अलग बात यहां हर महीने मुख्य मार्ग पर निकासी का पानी व कीचड़ भरा रहता है जिस वास्ते कई बार प्रधान व सचिव को सूचित किया जा चुका है परन्तु अभी तक मुख्य मार्ग की समस्या का हल नही हो पाया है। इस गांव की ग्राम चैपाल में कोई लिखित शिकायत नही आई। अधिकारी केवल खाना पूर्ति करने के लिए उपस्थित समूह की महिलाओं को ही समझाते रहे। गांव के ग्रामीणों ने स्वच्छ भारत मिशन से घर-घर शौचालय की मांग की लेकिन उपस्थित अधिकारीगण समस्या पर ग्रामीणों को आश्वस्त भी न कर सके। ग्राम चैपालों में वरिष्ठ अधिकारियों का न पहुंचना प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। इससे यह प्रतीत होता है कि ग्राम चैपाले केवल बिन दूल्हे की बारात साबित हो रहे है।

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