
दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । भले ही सूबे की योगी सरकार लगातार प्रदेश की शैक्षिक ब्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत हो और प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों को नियत समय से निर्धारित समय तक नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित होकर सत्य निष्ठा एवं कर्तब्य परायणता के साथ शैक्षिक कार्य करने के सख्त निर्देश देती हो। लेकिन मलवां विकास खण्ड के बड़ा खेड़ा प्राथमिक विद्यालय में तैनात महिला प्रधानाध्यापिका समेत शिक्षकों में शासन के निर्देशों का तनिक भी असर नहीं पड़ता। जो कि सारे नियम कानून को धता बता अपनी मनमानी पर उतारू हैं।
बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा बुरा असर
ग्रामीण सूत्रों व बच्चों की मानें तो विद्यालय के अधिकांश शिक्षक नियमित रूप से ड्यूटी करने नहीं आते। प्रधानाध्यापिका की सहमति से एक दिन पूर्व ही हाजिरी रजिस्टर में दस्तखत कर अगले दिन ड्यूटी से नदारद रहते हैं। जब आते हैं तो निर्धारित समय से पूर्व ही विद्यालय से नदारद हो जाते हैं। ऐसे में विद्यालय की शैक्षिक ब्यवस्था रामभरोसे चल रही है। विद्यालय में पठन पाठन करने वाले छात्रों का भविष्य पूरी तरह अंधकार मय बना हुआ है।
बीएसए ने कहा होगी जांच
शुक्रवार को विद्यालय की शैक्षिक ब्यवस्था की सत्यता को परखने पहुंचे क्षेत्रीय संवाददाता को निर्धारित समय से लगभग आधा घण्टे पूर्व ही ताला लटकते हुए मिला। जिसके बावत जब संवाददाता ने ग्रामीणों से जानकारी की तो ग्रामीणों ने कहा कि पहले तो विद्यालय लगभग एक घण्टे देर से खोला जाता है। इसके बावजूद विद्यालय प्रधानाध्यापिका कल्पना समेत सभी शिक्षक कभी भी विद्यालय समय से नहीं पहुंचते और समय से पहले ही विद्यालय में ताला बंद कर घर को लौट जाते हैं।
उन्होंने कहा कि विद्यालय में बच्चों को मिड डे मील भी नियमित रूप से नहीं परोसा जाता। यदा कदा दिया भी जाता है जिसमे न तो गुणवत्ता का ध्यान दिया जाता है और न ही मीनू के हिसाब से। सब कुछ मनमानी तरीके से किया जाता है। ग्रामीणों ने इन सबकी बड़ी वजह विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका को क्षेत्रीय विभागीय अधिकारियों व कथित नेताओ की शह प्राप्त होना करार दिया है। हालांकि मामले के बावत बीएसए संजय कुशवाहा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है जांचकर कार्रवाई की जाएगी।