औरैया : सरकारें बदली लेकिन नहीं बदल सकी बिधूना तहसील क्षेत्र की तकदीर

बिधूना/ औरैया। बिधूना तहसील क्षेत्र यूं तो राजनीतिक दिग्गजों की कर्मभूमि रहा है किंतु विभिन्न दलों की तमाम सरकारें बदलने के बावजूद भी आज तक इस क्षेत्र के दिन बहुर नहीं सके हैं। क्षेत्र में बुनियादी समस्याओं का टोंटा होने के साथ लोग समस्याओं के मकड़जाल में फंसे कराह रहे हैं इसी का परिणाम है कि अब तक के चुनावों में अपने को ठगा महसूस कर रहे इस क्षेत्र के लोग आगामी चुनावों में झूठे वायदे करने वालों को सबक सिखाने के मूड में है जिससे आगामी चुनावों में राजनीतिक दलों के चुनावी समीकरण बदलने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।

यूं तो बिधूना तहसील क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नेताजी मुलायम सिंह यादव पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पूर्व मंत्री स्वर्गीय राम प्रकाश त्रिपाठी, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व मंत्री विनोद यादव कक्का, पूर्व मंत्री मंत्री विनय शाक्य, पूर्व मंत्री लाखन सिंह राजपूत, पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सतीश पाल, पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री चैधरी रामबाबू यादव जैसे राजनीतिक दिग्गजों की कर्मभूमि रह चुकी है किंतु इसके बावजूद भी यह तहसील क्षेत्र विकास से कोसों दूर पड़ी हुई है।

आखिर कब सुलझेगी समस्याएं यह कह पाना कठिन

आलम यह है कि बिधूना कस्बे में पिछले दो दशक से भी अधिक समय पूर्व से रोडवेज बस अड्डा बनकर खड़ा है लेकिन आज तक इस बस अड्डे से कानपुर के अलावा अन्य किसी शहर के लिए कोई बस सेवा शुरू नहीं हो सकी है जिससे आम यात्रियों के साथ खासकर व्यापारियों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। तकनीकी शिक्षण संस्थान के नाम पर पॉलिटेक्निक कॉलेज भी इस क्षेत्र को नसीब नहीं हो सका है। क्षेत्र में खेलकूद स्टेडियम,पेपर मिल बनवाने हर चुनाव में सब्जबाग दिखाए जा चुके हैं आज तक यह वायदे तो थे साबित हुए हैं। बिधूना के निर्मित नेत्र चिकित्सालय में नेत्र चिकित्सकों की नियुक्ति कराने के साथ भवन का उद्घाटन कराने व नवनिर्मित पचास शैया महिला अस्पताल का उद्घाटन कराने के साथ महिला चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों की तैनाती कराने की भी जनता द्वारा खूब आवाज उठाई गई है लेकिन आज तक किसी ने उसकी नहीं सुनी है।

यही नहीं भले ही प्रत्येक गांव को सड़कों से जोड़ने के दावे सरकार द्वारा किए जा रहे हैं लेकिन आज भी इस क्षेत्र के बिकूपुर खरगपुर जुगराजपुर आदि तमाम गांव ऐसे हैं जो देश की आजादी से लेकर अब तक एक अदद पक्की सड़क के लिए तरस रहे हैं। इतना ही नहीं क्षेत्र की प्रमुख बिधूना सहार मार्ग सराय प्रथम चपोरा मार्ग बिधूना रामगढ़ मार्ग बिधूना बहादुरपुर मार्ग रुरुगंज पंडपुर मार्ग बिधूना सबहद कटरा मार्ग रुरुगंज रुरुकला मार्ग भैसलोट पसुआ मार्ग धनवाली कुसमरा मार्ग चिरकुआ समायन बंबा मार्ग बेहद जर्जर खस्ताहाल दशा में है इन सड़कों पर बने खतरनाक गड्ढे वाहन दुर्घटनाओं को खुलेआम आमंत्रण दे रहे हैं। सबसे गौरतलब बात तो यह है कि इस तहसील क्षेत्र के अधिकांश गांवों के बेघर गरीबों को तमाम सरकारी योजनाएं चलाए जाने के बावजूद आवास तक नसीब नहीं हो सका है जिससे यह गरीब आज तक झोपड़पट्टी में रहने को मजबूर है।

तहसील क्षेत्र को ओडीएफ घोषित किए जाने के बावजूद आज तक 75 प्रतिशत आबादी खेतों में खुले में शौच करने को विवश है। समस्याओं के मकड़जाल में उलझे इस क्षेत्र के लोगों में अब तक के क्षेत्रीय नुमाइंदों के झूठे वायदों को लेकर काफी नाराजगी हैं और जनता आगामी चुनावों में छलावा करने वाले नेताओं को सबक सिखाने के मूड में होने से आगामी चुनावों के समीकरण बदलने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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