औरैया : “पीएम आवास” के नाम पर पात्र-अपात्र का खेला, भ्रष्टाचार में डूबा डूडा विभाग

औरैया। अजीतमल डूडा विभाग से जिसको प्रधानमंत्री आवास योजना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पीएम आवास योजना में सरकारी धन का खूब बंदरबांट हो रहा। डूडा विभाग के कर्मी और ग्रामीण क्षेत्रों के सेक्रेटरी, लेखपाल जांच के नाम पर तैनात जांचकर्ता अधिकारी और कर्मचारी आदि एक प्रकार का भ्रष्टाचार का सिंडीकेट चला रहे है। जिसमें करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ, पीएम मोदी और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भ्रष्ट अफसरों पर प्रहार करने में लगे हुए हैं। यहां संबंधित अधिकारी और कर्मचारी गरीबों का हक मिलजुलकर डकार रहें। पीएम मोदी बताते हैं कि हर गरीब के सिर पर छत हो और हर गरीब का सपना पूरा हो यह उद्देश्य पीएम मोदी का हैं, किंतु जनपद औरैया के अफसरों ने पीएम आवास योजना में भी भ्रष्टाचार करने के बड़े नायाब तरीके खोज निकाले है। यहां भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी है।

जानकारी के अनुसार पहले से बनें बनाये कई मकानों पर मकान स्वामियों को लाभ दे दिया गया। जैसे ही भ्रष्ट कर्मियो और गृह स्वामियो को जानकारी हुई तो। साहबों ने बाहर लिखी आई डी आदि पुतवा दिया, कहीं कहीं मकान किसी का फोटो किसी की खींच लाभ दिया गया। कुछ जगह तो ऐसा भी है कि जिनके पक्के मकान बने है और प्लॉट कस्बा में ले लिया और अधिकारियों की मेहरबानी से पीएम आवास भी पास करवा लिया। इतना भ्रष्टाचार की अचम्भित हो जायेंगे।जब कुछ लोगों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की तो वहीं कहानी फर्जी आख्या, जिम्मेदार साहबों के पास जाओ तो कहते एक एक करके बताये, एक साथ कैसे, गरीबों का हक अपात्र को पात्र और पात्र को अपात्र दिखा डकारा जा रहा है जिम्मेदार मूक दर्शक बन सब कुछ देख रहें है।

जियोटेग कहीं दर्शाते मकान कहीं वो भी दूसरे का, लखपतियों पूंजीपतियों को आसानी से लाभ दिया जा रहा और इसके एवज में भ्रष्टाचार, जिम्मेदार जांच कुर्सी पर बैठे बैठे ही निपटा देते है। अपात्रों से वसूली महज एक कहानी बनकर रह गई है। इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अब तक सब नगण्य और विचारणीय है।सूत्रों की मानें तो कुछ लोंग इतने बड़े भ्रष्टाचार के साक्ष्य लेंकर लोकायुक्त के पथ पर निकल पड़े हैं। अब आगे परिणाम क्या निकलता है। यह तो आगे आने वाला समय निर्धारित करेंगा।

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