सब हैड – इन्वेस्ट इंडिया समिट में तरोताजा हुए रूस और भारत के 74 साल पुराने संबंध
भास्कर समाचार सेवा
आगरा। विश्व का सबसे बड़ा बाजार भारत है, वैश्विक फलक पर इसको स्वीकार कराने के लिए देश के चुनिंदा कारपोरेट हाउस ने दिल्ली के ओबेरॉय होटल में रूस भारत बिज़नेस फोरम बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। रसिया की कुल 170 डेलीगेट्स को बुलाया गया, जिसमें रूस के उप प्रधानमंत्री के साथ सात कैबिनेट मंत्रियों व 100 से ज्यादा कारपोरेट के साथ सम्मेलन का आयोजन हुआ। भारतीय कारपोरेट यूनिट की जीसीआईआई (GCITI) ने FICCI और इन्वेस्ट इंडिया के साथ मिलकर यह सम्मेलन ऐसी विषम परिस्थिति में आयोजित किया जब पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। साथ ही रूस विगत एक साल से अधिक समय से युद्ध झेल रहा है। ऐसे में इस तरह की पहल ने दोनों देशों के 74 साल पुराने संबंध को व्यावसायिक संबंध बनाया। ओबेरॉय होटल के सभागार में पंहुचे रसियन लोगों ने यह स्वीकार किया कि विगत दिनों में भारत एक बड़े बाजार के रूप में उभर कर आया हैं, साथ ही विश्व में सबसे अधिक डिजिटल करेंसी का उपयोग भी भारत ने किया है। GCII द्वारा डेढ़ साल के कड़ी मेहनत और GCII के पर्सनल कॉरपोरेट संबंधों और भारत और रसियन सरकारों के संबंध द्वारा इस फोरम को दिल्ली के ओबेरॉय होटल में आयोजित किया गया और मूर्त रुप प्रदान किया गया, जिसमे इसमें मुख्य भूमिका रही, Gcci के प्रमुख डायरेक्टर ललित त्यागी, स्कंद त्यागी, दिनेश अग्रवाल, राजीव लोचन, संजय गर्ग और उनकी टीम की। GCII के डायरेक्टर दिनेश अग्रवाल ने बताया कि फोरम के माध्यम से भारत और रूस के व्यापार को 12 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 2025 तक 40 बिलियन डॉलर तक करना है। जो प्रधानमंत्री मोदी का सपना भी है और इस सपने को साकार करने के लिए GCII जैसी आर्थिक संगठन लगातार प्रयास कर रही है कि विकसित और विकासशील देशों के साथ मिलकर फोरम को नई ऊंचाई दे ताकि मोदी जी के नए भारत को एक नई उड़ान मिल सके। कार्यक्रम के पहले चरण में डिजिटल करेंसी के उपयोग के साथ विदेशी करेंसी के उपयोग पर चर्चा हुई। साथ ही आगे भी ऐसे ही करते रहने पर बल दिया गया। दूसरे चरण में भविष्य में भारत और रूस के स्मार्ट सिटी पर चर्चा व अनुभव साझा किया गया। साथ ही दोनों देशों की प्रयास से इसको और बेहतर करने के प्रयास पर बल दिया गया। विदेशी संबंध का प्रमाण देते हुए राज कपूर के गए हुए गाना मेरा जूता है जापानी व सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिंदुस्तानी की मिसाल प्रस्तुत की गई।GCII के डायरेक्टर फाउंडर श्री स्कंध त्यागी ने बताया कि यह सम्मेलन ऐसी विषम परिस्थिति में आयोजित किया जब पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। डिजिटल करेंसी, स्वास्थ्य, सूचना प्रद्योगिकी, कृषि, ऊर्जा के क्षेत्रों में इस फोरम के माध्यम से दोनो देशाें को करीब लाया जा सके।