पुरातात्विक महत्व के धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्वार कराए जाने के लिए शासन स्तर से कई स्थानों हेतु धनराशि अवमुक्त कराई – मंत्री जयवीर सिंह
भास्कर समाचार सेवा
मैनपुरी। नगरिया स्थित प्राचीन मयन ऋषि आश्रम के पर्यटन विकास कार्य लागत रू. 19.49 लाख के कार्य का शिलान्यास करते हुये पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार एतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के स्थलों के विकास, सौन्दर्यीकरण की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि जनपद की धरती ऋषियों-मुनियों-तपस्वियों की तपोस्थली रही है, इस धरती की पहचान इन्हीं ऋषियों-मुनियों के कारण है, इन्हीं तपस्वियों की वजह से हम सब फल-फूल रहे हैं, इन्हीं की कृपा आशीर्वाद से मुझे प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग नेतृत्व करने का अवसर मिला है, प्रदेश में प्रत्येक जनपद में पर्यटन विभाग द्वारा कोई न कोई सांस्कृतिक गतिविधियां एतिहासिक महत्व के स्थलों के सौन्दर्यीकरण, जीर्णोद्धार का कार्य हो रहा है। उन्होने कहा कि शीतला देवी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए तमाम प्रयास किये गये, लेकिन जमीन न मिलने के कारण शुरूआत नहीं हो पायी, इसके बाद उन्होने ऐसी तपोस्थली को खोजा जो जनपद के नाम से प्रसिद्ध हैं, जिसके नाम से जनपद का नामकरण हुआ।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि जनपद के पुरातात्विक महत्व के धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्वार कराए जाने के लिए शासन स्तर से कई स्थानों हेतु धनराशि अवमुक्त कराई गयी, नगर के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में सी.सी. रोड, नाले निर्माण हेतु रू. 55 लाख कुरावली स्थित रामलीला मैदान की बाउंड्रीवॉल, जीर्णोद्धार हेतु रू. 02 करोड़ च्यवन ऋषि आश्रम आँछा के सौंदर्यीकरण, जीर्णोद्धार हेतु रू. 05 करोड़, मार्कंडेय ऋषि आश्रम बिधूना के सौंदर्यीकरण, जीर्णोद्धार हेतु रू. 04 करोड़ स्वीकृत किया गया है, इन कार्यों को भव्यता के साथ निर्धारित समय सीमा से भी कम समय में पूर्ण कराया जायेगा ताकि लोगों को एहसास हो कि जनपद के पुरातात्वि महत्व के स्थलों का भव्य दिव्य रूप से पर्यटन विकास हुआ है। उन्होने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में काफी सराहनीय कार्य हो रहा है, इसके अलावा बाबा लालपुरी की समाधि स्थल भोगांव के जीर्णोद्धार हेतु रू. 83.27 लाख, कुरावली में बौद्ध बिहार की पहुंच मार्ग निर्माण हेतु रू. 01 करोड़ 45 लाख, 27 हजार के कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। उन्होने जनपदवासियों को भरोसा दिलाते हुये कहा कि विकास के क्षेत्र में मैनपुरी विकसित जनपद बनेगा, पिछड़े जनपद के रूप में पहचान रखने वाले इस जनपद की पहचान अब प्रदेश के अग्रणी जनपद में होगी विकास के लिए कोई कोताही नहीं बरती जायेगी।
मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि अपनी संस्कृति, मान्यताओं को हम विलुप्त होता हुआ देख रहे थे, लेकिन आज उ.प्र. सरकार के संस्कृति मंत्री द्वारा उन मान्यताओं को पुनर्स्थापित करने का जो बीड़ा उठाया है, उसमें जनपद सबसे आगे चल रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग ने जनपद के प्राचीनतम मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए धनराशि अवमुक्त की है. इस धनराशि से प्राचीनतम मंदिर का जीर्णोद्धार होगा और हम अपनी पुरानी मान्यताओं की जानकारी कर सकेंगे, अपने पूर्वजों, तपस्वियों के बारे में हमें जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारा देश ऋषि-मुनियों का देश रहा है, जप-तप के बल पर हमारे देश ने विश्व गुरु की ख्याति अर्जित की थी, जल्द ही हम पुनः विश्व गुरु के रूप में दुनियां के सामने खड़े होंगे।
पर्यटन सूचना अधिकारी प्रदीप टम्टा ने बताया कि मयन ऋषि देव स्थान प्राचीन मंदिर से घिरा हुआ है, यहां के अति प्राचीन मंदिर व खंडहरों के अवशेष कौतूहल का विषय है, पौराणिक लोक कथा के अनुसार बड़ी नगरिया में मयन ऋषि परिवार के साथ निवास करते थे, उनका विवाह पौराणिक नगरी धारऊ की किसी कन्या के साथ पक्का हुआ था, ऋषिवर बारात लेकर धारऊ पहुंचे तो उन्हें याद आया कि विवाह बंधन का पटका वह अपने घर नगरिया में ही छोड़ आए हैं, वह पुनः बारात धारऊ छोड़कर अपने घर नगरिया आए तो देखा उनकी माता नांद में बचे हुए कढी – चावल खा रही हैं, उन्होंने पूछा मां यह क्या कर रही हो, उन्होंने बताया कि बेटा कल तेरी बहू आ जाएगी तो उसने खाने को दिया या नहीं, इसलिए जी भरकर खा रही हूं, मां की बात सुनकर ऋषिवर जड़वत हो गए, उनका समाचार सुनकर बारात भी पत्थर की हो गई, जिस कन्या के साथ विवाह होना था, वह भी जड़वत हो गई, जो आज भी विसारी देवी के नाम से धारऊ में पूजी जाती हैं, कालांतर में नगर बसाने के लिए जब राजा साहब ने विचार किया तो मयनऋषि के नाम पर ही जनपद का नाम करण मयनपुरी किया, पुराने सरकारी अभिलेखों में आज भी जनपद का नाम मयनपुरी है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आलोक गुप्ता, पूर्व विधायक अशोक चौहान, नगर अध्यक्ष अमित गुप्ता, शिवदत्त भदौरिया, राहुल चतुर्वेदी, प्रदीप सिंह चौहान, भूपेन्द्र यादव, बबलू पाण्डेय, धीरू राठौर, सुभाष मिश्रा, उदय चौहान, विकास चौहान, पियूष चन्देल, के. के. मिश्रा के अलावा अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, उप जिलाधिकारी सदर नवोदिता शर्मा, उपायुक्त एनआरएलएम पी.सी.राम क्षेत्राधिकारी नगर संतोष कुमार, मंदिर कमेटी के पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे।