संस्कार एवं भारतीय संस्कृति से अवगत कराना भी विद्यालय का दायित्व – डॉ. राम मोहन

भास्कर समाचार सेवा

मैनपुरी । शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों में संस्कार एवं भारतीय संस्कृति से अवगत कराना भी विद्यालय का दायित्व होता है।

इसी श्रंखला में शहर के विद्यालय सुदिती ग्लोबल एकेडमी, मैनपुरी में हनुमान जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। विद्यार्थियों को अपनी सांस्कृतिक परम्पराओं से अवगत कराते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य डा. राम मोहन एवं प्रशासनिक प्रधानाचार्य डा. कुसुम मोहन ने प्रातःकालीन प्रार्थना स्थल पर श्रीरामभक्त हनुमान के स्वरूप का पूर्ण श्रद्धाभाव एवं मंत्रोच्चारण के साथ पूजन अर्चन किया।

विद्यालय प्रांगण में उपस्थित सभी विद्यार्थियों, अध्यापक-अध्यापिकाओं ने हनुमान जी की आरती उतारते हुए पुष्पांजलि अर्पित कर श्रीहनुमान चालीसा का पाठ किया।

विद्यार्थियों तथा उपस्थित समस्त जन समुदाय ने सम्पूर्ण परिसर को भक्ति भावना से सराबोर कर दिया। जय श्री राम एवं जय बजरंग बली के गगनभेदी उद्घोष सभी के हृदय में अपार श्रद्धा की हिलोरें उत्पन्न करते नजर आए।

विद्यालय के प्रधानाचार्य डा. राम मोहन ने सभी छात्र-छात्राओं को वीर हनुमान जी के पराक्रम से अवगत कराते हुए कहा कि श्री हनुमान जी चिरंजीवी देवता हैं। यह सदैव अपने भक्तों पर कृपा करते हुए पृथ्वी लोक पर विचरण करते रहते हैं। जहां भी श्रीराम भक्ति, श्रीराम कथा, अखण्ड रामायण पाठ, श्रीसुन्दरकाण्ड पाठ आदि कार्यक्रमों का आयोजन होता है, वहां किसी न किसी रूप में हनुमान जी विराजमान रहते हैं। सच्ची श्रद्धा रखने वाले लोग उनका दर्शन करने में भी समर्थ होते हैं। हनुमान जी को माता सीता ने अजरता एवं अमरता का वरदान दिया था, उसी के परिणामस्वरूप श्री हनुमान जी चिरकाल तक अमर एवं युवावस्था में रहेंगे। हनुमान जी ने चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को माता अंजनी की गोद में अवतरित होकर समस्त संसार को श्रीरामभक्ति का पाठ पढ़ाया। हनुमान जी का पराक्रम अतुलित है। उनके पराक्रम की तुलना करना पूर्णतः असम्थव है। प्रभु श्रीराम के चरणों में प्रीति एवं भक्ति प्राप्त करने के लिए हनुमान जी की कृपा आवश्यक है। हनुमान जी की कृपा से ही श्रीरामभक्ति का प्रसाद मिल पाता है। प्रत्येक विद्यार्थी को हनुमान जी से सीख लेते हुए यह समझना चाहिए कि ज्ञानियों को सबसे आगे रखा जाता है और उन ज्ञानियों में श्री रामभक्त हनुमान सर्वप्रथम गिने जाते हैं।

आगे उन्होंने कहा कि हम सभी को श्रीहनुमान चालीसा याद रहना चाहिए क्योंकि श्री हनुमान चालीसा का पाठ प्रत्येक संकट को दूर करने में सर्वसमर्थ है। इनके स्मरण मात्र से ही समस्त व्याधियां स्वतः ही नष्ट हो जाती हैं।

इस अवसर पर विद्यालय के उपप्रधानाचार्य जय शंकर तिवारी एवं प्राइमरी कोऑर्डीनेटर प्रणिता सिंह सहित समस्त अध्यापक-अध्यापिकाएं, विद्यार्थी एवं कर्मचारीगणों ने भी श्री हनुमान जी की वंदना कर शुभाषीश प्राप्त किया।

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