दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । बहुआ बांदा टांडा मार्ग पर स्थित यमुना का पुल एक पखवारे में दोबारा क्षतिग्रस्त हो गया। इलाकाई लोगों द्वारा ब्रिज अथार्टी को सूचना देने के बाद भी ब्रिज से ओवरलोड वाहनों की आवागमन जारी है। इससे पहले बेंदा और दतौली के समानांतर खड़ा यह पुल 23 फरवरी को छठवें पिलर के पास से खराब हो गया था। जिस पर बड़े वाहनों के आवागमन को रोक दिया गया था। बता दें कि 43 साल पुराने बांदा टांडा मार्ग पर स्थित यमुना ब्रिज पर छठवें पिलर के पास 23 फरवरी को जानलेवा गढ्ढा हो गया था। जिस पर बड़े वाहनों के आवागमन रोकने के साथ नेशनल हाईवे ऑफ इंडिया की रायबरेली शाखा के अभियंताओं ने ब्रिज का सर्वे करते हुए क्षतिग्रस्त स्थान पर लोहे की मोटी चादर डालकर कंक्रीट डालकर मरम्मत की थी।
कंडम हो चुके दतौली पुल से निकल रहे ओवरलोड वाहन
ब्रिज की मरम्मतीकरण होने के बाद 20 मार्च को यातायात के लिए पुनः खोल दिया गया था। परंतु एक पखवारे के अंदर ओवरलोड वाहनों के चलते डाली गई लोहे की प्लेट खिसक गई। हालांकि ब्रिज पर जोखिम भरे सफल होने के बावजूद वाहनों के आवागमन पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है। इलाकाई लोगों ने बताया कि वर्ष 1980 में पुल का निर्माण हुआ था। तकरीबन 43 वर्ष की आयु इस पुल ने पूरी की है। जब ब्रिज का निर्माण कर आवागमन के लिए चालू किया गया था। उस समय बामुश्किल 25 से 30 बड़े वाहन ही निकलते थे। जबकि वर्तमान समय पर रोजाना लगभग 1000 से 1500 बड़े वाहन निकलते हैं। जिस लिहाज से ब्रिज अब वाहनों का भार सहने लायक शेष नहीं बचा है।