भास्कर समाचार सेवा
इटावा। मौलाए कायनात हज़रत अली की शहादत पर स्व. मजाहिर हुसैन द्वारा स्थापित एवं राहत हुसैन रिजवी की ओर से घटिया अज़मत अली स्थित अली मेहदी के मकान पर मजलिस का आयोजन किया गया, जिसमे मौला अली के ताबूत की जियारत बरामद हुई।
मौलाना अनवारुल हसन जैदी इमामे जुमा इटावा ने तकरीर करते हुए कहा अली काबे में पैदा हुए और अली को नमाज के दौरान सजदे में कत्ल किया गया। रसूल अल्लाह ने फरमाया मै शहरे इल्म और अली उसका दरवाजा हैं। मौला अली की दौरे हुकूमत में कोई भी इंसान बेघर, भूखा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि मौला अली ने अपनी हुकूमत में किसी इंसान को भूखा सोने नहीं दिया और लोगों को उनका हक दिया। आज पूरी दुनिया मे अली की हुकूमत एक मिसाल बन गई है। मौला अली को मस्जिद कूफ़ा में उस वक्त जहर से बुझी तलवार से घायल कर दिया गया जब वह सजदे की हालत में थे, उसके बाद मौला अली की शहादत हो गई। मजलिस में तसलीम रज़ा, सलीम रज़ा ने सोज ख्वानी की वहीं अली मेहदी, मौलवी ताबिश रिज़वी, सलमान रिज़वी ने कलाम पेश किए। मजलिस के दौरान मौला अली के ताबूत की जियारत बरामद हुई, हाजी कमर अब्बास, राहत अक़ील, शावेज़ नक़वी, समर अब्बास ताबूत और शब्बर अक़ील अलम को इमाम बारगाह तक ले गए। इस दौरान तनवीर हसन, अब्बास मेहदी हललौरी, राहिल सगीर, सैफू ने नोहाख्वानी की। इसी क्रम में इमाम बारगाह घटिया अज़मत अली पर महिलाओं की मजलिस भी हुई