भास्कर समाचार सेवा
इटावा। उत्साह, उमंग, खुशियों और संकल्प का त्यौहार खालसा साजना दिवस बैसाखी परम्परागत उल्लास और उत्साह के माहौल में मनाया गया, सुबह से ही गुरूद्वारा श्री गुरुतेग बहादुर साहिब धार्मिक जयकारों के जाप से गूंजता रहा।गुरूद्वारा में बैसाखी पर श्रद्धालुओं ने अखण्ड पाठ में भाग लिया।गुरूद्वारा में सजे दरबार के दौरान रागी जत्थे द्वारा मधुर शब्द कीर्तन गायन किया गया।बच्चों ने धार्मिक कविता,पाठ में भी भाग लिया। इस अवसर पर गुरूद्वारा में आने वाली सभी संगत, श्रद्धालू, स्त्री, नौजवान,बड़े, बूड़े और बच्चों ने सभी के भले की सुख समृद्धि के लिये सभी की खुशियों के लिये अरदास की।
वैशाखी पर्व पर प्रकाश डालते हुये गुरूद्वारा कमेटी के अध्यक्ष सरदार तरनपाल सिंह कालरा ने बताया कि बैसाखी मुख्य रूप से समृद्धि,खुशियों और संकल्प का त्योहार है।वर्ष 1699 में आज ही के दिन खालसा पंथ की स्थापना हुई थी।श्री गुरुगोविंद सिंह जी ने बैसाखी के विशाल समागम में कौम के लिए शहीदी के जजबे की पांच सिक्खों की परीक्षा ली गुरु और सिक्ख धर्म के प्रति पांच सिक्खों की निष्ठा और समर्पण को देखते हुये गुरू साहिब ने उन्हें अमृत छकाया और पांच प्यारों का नाम दिया।पांच प्यारों को अमृत छकाने के बाद गुरू साहिब ने स्वयं भी पांच प्यारों से अमृत गृहण किया।अमृत छकाना एक तरह से धर्म और देश के खातिर कुर्बानी के लिए तैयार रहने के लिए संकल्प था।उन्होंने बताया कि आज के दिन ही गुरूद्वारा में नवजात बच्चों का नामकरण कराके बच्चों को अमृतपान कराया जाता है। सरदार मनदीप सिंह,चरनजीत सिंह,दलजीत सिंह, जसवीर सिंह, गुरमीत सिंह साहनी,त्रिलोचन सिंह ने मिलकर सहयोग के लिये गुरूद्वारा कमेटी की ओर से सभी का आभार जताया और कमेटी ने सभी को वैशाखी की बधाई दी।