दैनिक भास्कर ब्यूरो
बरेली। महापौर के टिकट को लेकर प्रमुख विपक्षी दल सपा में बगावत के सुर उभरने लगे हैं। सपा ने संजीव सक्सेना को अपना प्रत्याशी बनाया है। तीन दिन पहले जब इनके टिकट की घोषणा हुई थी, तब तक तो पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक-ठाक था। मगर, पूर्व महापौर डॉ. आईएस तोमर के निर्दलीय चुनाव लड़ने की चर्चाओं से पार्टी के अंदर खलबली मच गई है। डॉ. तोमर ने चुनाव लड़ने के मकसद से अपना नामांकन पत्र भी खरीद लिया है। साथ ही नगर निगम से अपना नोड्यूज भी बनाकर रख लिया है, ताकि वक्त आने पर अपना नामांकन दाखिल कर सकें। सपा हाईकमान ने पूर्व महापौर को मनाने के लिए नेताओं को लगा दिया है। स्वास्थ्य विभाग के एक पूर्व अफसर मध्यस्थता करके मामला सुलझाने में लग गए हैं।
पूर्व महापौर डॉ. तोमर ने नामांकन खरीदा, नो ड्यूज भी बनवाया
सपा में किसी भी पद का टिकट बदलना कोई नई बात नहीं है। हाल ही में पार्टी हाईकमान सूची जारी करने के बाद भी आगरा समेत कई सीटों पर अपने महापौर के प्रत्याशी बदल चुका है। बरेली में पूर्व महापौर डॉ. आईएस तोमर सपा से टिकट के प्रबल दावेदार थे। मगर, पार्टी ने यहां कायस्थ बिरादरी के संजीव सक्सेना पर भरोसा जताकर उनके टिकट की घोषणा कर दी। तीन दिन पहले डॉ. तोमर ने उनको तन, मन और धन से चुनाव लड़ाने की घोषणा भी की थी, लेकिन बीच में उनका मन बदल गया।
अब वह चुनाव लड़ने के मूड में हैं। सूत्रों का कहना है कि डॉ. तोमर ने अपने समर्थकों से स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर भाजपा से डॉ. उमेश गौतम का टिकट होता है तो वह हर हाल में चुनाव लड़ेंगे। डॉ. उमेश गौतम और डॉ. आईएस तोमर के बीच छत्तीस का आंकड़ा किसी से छुपा नहीं है। डॉ. तोमर के निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा से संजीव सक्सेना को करारा झटका लगा है। सपाइयों का भी मानना है कि अगर पूर्व महापौर डॉ. आईएस तोमर निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो समाजवादी पार्टी का चुनावी गणित बिगड़ेगा।