दैनिक भास्कर ब्यूरो
बरेली। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा को पुलिस ने धरना-प्रदर्शन से पहले उनके घर में नजरबंद कर लिया। मौलाना ने प्रदेश में पुलिस राज खत्म होने और आम आदमी को इंसाफ न मिलने के विरोध में इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन की घोषणा की थी। पुलिस ने मौलाना तौकीर को धारा 144 लागू होने की बात कहकर धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। आईएमसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि प्रयागराज पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच अतीक और अशरफ की जिस तरह हत्या की गई, वह पुलिस के माथे पर कलंक है। इसके पूर्ण रूप से जिम्मेदार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। वह दोनों माफियाओं का पक्ष नहीं ले रहे हैं, लेकिन इंसाफ की बात कर रहे हैं। जब तीन शूटर अतीक और अशरफ खुलेआम पर गोलियां बरसा रहे थे तो प्रयागराज पुलिस ने एक राउंड भी गोली नहीं चलाई।
शहर में धारा 144 लागू, पूरा इलाका छावनी में तब्दील
आखिर क्यों। शूटरों को सुरक्षित गाड़ी में बैठा लिया गया। क्या यह पुलिस की मिलीभगत नहीं है। पुलिस की जो टीम जांच कर रही है, उनको उस पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। वह चाहते हैं कि इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जाए। उधर, मौलाना तौकीर रजा खां के धरना-प्रदर्शन की घोषणा के बाद इस्लामिया इंटर कॉलेज के मैदान को पूरी तरह सील कर दिया गया। इसके चलते कोई भी व्यक्ति इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान तक नहीं पहुंचा। आईएमसी के पदाधिकारियों के निवास पर भी पुलिस का कड़ा पहरा लगा रहा। पूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान और उनके समर्थक धरना देने पर अड़े थे।
डीजीपी आरके विश्वकर्मा भी मौलाना तौकीर रजा खां के धरना-प्रदर्शन के बारे में पल पल की सूचना कप्तान से लेते रहे। सुरक्षा की दृष्टि से खुफिया तंत्र को भी सक्रिय रखा गया है। पुलिस अधिकारियों का साफ कहना था कि किसी भी हाल में धरना नहीं देने देंगे। इसे लेकर आईएमसी पदाधिकारियों से पुलिस की नोक झोंक भी हुई।