मृत्यु के तीन साल बाद मिला कमल सिंह को न्याय

बड़े भू माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ दर्ज हुई थाना कंकरखेड़ा में एफआईआर

भास्कर समाचार सेवा
मेरठ
। भू माफ़ियाओं द्वारा साज़िश व षड्यंत्र रचकर सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत हुए दलित कर्मचारी कमल सिंह की भूमि अखिलेश गोयल, सचिन गुप्ता और नीरज ने हड़प ली थी। ककरखेड़ा में तीनों के खिलाफ तहरीर दी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

तत्कालीन आईजी प्रवीण कुमार और एडीजी राजीव सबरवाल के संज्ञान लेने के बाद जाँच की कार्यवाही शुरू हुई थी, उसको भी नीरज आदि ने मिलकर बाधित किया हुआ था, जिस कारण मुक़दमा पंजीकृत नहीं हो पा रहा था। परिवार के लोग अधिकारियों से गुहार लगा रहे थे। आंदोलन की चेतावनी और उच्च अधिकारियों के पुनः संज्ञान लेने के बाद स्थानीय पुलिस की निद्रा भंग हुई, जिस पर पुलिस अधीक्षक नगर पीयूष सिंह ने जाँच कर मुक़दमा क़ायम करने की संस्तुति की। एसएसपी के आदेश के बाद भी थाना कंकरखेड़ा में मुक़दमा पंजीकृत नहीं किया गया। जिस पर पीड़ित फिर से उच्च अधिकारियों से मिला, तब जाकर पुलिस ने एक्शन लिया। विदित हो कि गत 21 जुलाई 2019 को पीड़ित कमल सिंह ने नीरज, अखिलेश और सचिन के उत्पीड़न से तंग आकर ज़हर खा लिया था, जिसके वीडियो बयान भी दर्ज हुए थे, लेकिन थाने में आरोपियों के प्रभाव के कारण मुक़दमा दर्ज नहीं हो पाया।

आरोपियों का अपराधिक लम्बा इतिहास
एडवोकेट रामकुमार शर्मा ने बताया, आरोपी अखिलेश गोयल अभी अन्य मुक़दमे में मेरठ जेल में है, जिसका लम्बा आपराधिक इतिहास है। सचिन अभी हाल ही में सरकारी जमीनों पर क़ब्ज़ा करने के संदर्भ में जेल गया था, अब जमानत पर है। नीरज के विरुद्ध भी कई गंभीर आरोप पीड़ित पक्ष लगा रहा है। पीड़ित पक्ष सरकार से उपरोक्त आरोपियों पर कार्रवाई की माँग कर रहा है।

आरोपियों ने कर रखा है जमीनों पर कब्जा
मेरठ बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री एडवोकेट रामकुमार शर्मा ने बताया, दूसरी तरफ़ नंगलताशी के किसान अभी भी उनकी ज़मीन पर उपरोक्त व्यक्तियों के द्वारा क़ब्ज़ा करने के विरुद्ध धरने पर बैठे है। आरोपियों ने करोड़ों रुपये की सरकारी ज़मीन क़ब्ज़ा कर अवैध रूप से बेच दी है।

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