
जबलपुर (हि.स.)। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में बुधवार को पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एक बार फिर सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने इस मामले में अपनी स्टेटस टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत किया, जिसमें राज्य सरकार ने कहा कि एक दिन में ही हमने 11 कॉलेजों से लगभग नब्बे लाख रुपये वसूल किए। इसके अलावा इंदौर जिले के 7 कॉलेजों के बैंक खाते भी फ्रीज किए गए हैं और जबलपुर के 8 कॉलेजों को सील कर दिया गया है। राज्य सरकार ने पूरी कार्रवाई का ब्यौरा कोर्ट में प्रस्तुत किया और बाकी की रिकवरी राशि के लिए 10 दिन का समय मांगा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 10 मई 23 को तय की गई है।
लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष और याचिकाकर्ता विशाल बघेल ने बताया कि पैरामेडिकल स्कॉलरशिप घोटाला मामले की हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के सामने दस्तावेजों को प्रस्तुत करते हुए बताया कि एक दिन में हमने 11 कालेज़ों से 90 लाख रुपये वसूल किए है, इसके साथ ही इंदौर में कालेज़ों के बैंक खाते फ्रीज किए गए है। सरकार ने हाई कोर्ट के सामने पूरा ब्यूरो भी प्रस्तुत किया।
कोर्ट की फटकार के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने स्कॉलरशिप घोटाले में जिन आठ पैरामेडिकल कालेज़ों को सील किया है, उनमें जबलपुर इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज, बालाजी इंस्टीट्यूट, सेंट्रल इंस्टीट्यूट, मीनाक्षी एकेडमी इंस्टीट्यूट, एसपीआई पीएमटी पैरामेडिकल महाविद्यालय सदर, सौर्य इंस्टिट्यूट, रेवांचल ज्ञान प्रबोधिनी, एमएम कॉलेज आफ फिजियोथैरेपी एंड पैरामेडिकल साइंस कॉलेज और महाकौशल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज शामिल हैं।














