आकाश से आकाश में मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र का ओडिशा तट से मंगलवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया । प्राप्त जानकारी के अनुसार सु-30 एमकेआई से इसका परीक्षण किया गया । आकाश मार्ग में इस प्रक्षेपास्त्र ने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को पूरा किया। उपयुक्त प्रक्रिया के जरिये प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किये जाने के साथ-साथ विभिन्न रडार, इलेक्ट्रो अप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम व सेन्सर के माध्यम से इसने लक्ष्य को पूरा किया। सफलता के लिए केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना का अभिनंदन किया है ।
जानकारी के लिए बता दे यह मिसाइल अपनी श्रेणी की हथियार प्रणालियों में सर्वश्रेष्ठ है। अभी तक इसके कई परीक्षण किए जा चुके हैं। यह मिसाइल सुखोई-30एमकेआई जैसे लड़ाकू विमान पायलटों को 70 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन विमानों को मार गिराने की क्षमता देती है. यह हवा से हवा में मार करने वाली भारत द्वारा विकसित पहली मिसाइल है. इसे मिराज 2000एच, मिग 29, सी हैरियर, मिग 21 और सुखोई एसयू-30 एमकेआई विमानों में लगाया जा सकता है ।
#WATCH Defence Research & Development Organization (DRDO) yesterday successfully test fired the Astra, air to air missile with a range of over 70 kms. The missile was test fired from a Su-30MKI combat aircraft that took off from an air base in West Bengal. pic.twitter.com/HraxJLGmmj
— ANI (@ANI) September 17, 2019
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, अस्त्र मिसाइल ने ‘वास्तविक निशाने’ को सटीक रूप से भेदा । मिशन को पहले से तय तरीकों से अंजाम दिया गया । मिसाइल को रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सेंसरों का उपयोग करके ट्रैक किया गया था । यह मिसाइल (अस्त्र) लंबी दूरी के साथ-साथ छोटी दूरी के लक्ष्यों सहित विभिन्न श्रेणियों और ऊंचाई के लक्ष्यों को भेदने में भी सक्षम है ।
खबरों की मानें तो DRDO अस्त्र मिसाइल का एक नया संस्करण विकसित करने की योजना बना रहा है, जिसका दायरा 300 किलोमीटर तक का होगा। भारत वर्तमान में फ्रंटलाइन Su-30 लड़ाकू विमानों के अपने बेड़े में रूसी एयर-टू-एयर मिसाइलों का उपयोग करता है, लेकिन भविष्य में इस्राइल द्वारा डिजाइन किए गए I-डर्बी और अस्त्र मिसाइलों को शामिल करने की योजना है।
भारत के मिसाइलों की ये है खासियत
ब्रह्मोसः भारत और रूस द्वारा विकसित दुनिया की सबसे अच्छी क्रूज मिसाइल है. इसकी रेंज 290 किलोमीटर और गति 4.5 मैक है.
आकाश: 700 किलोग्राम वजनी यह मिसाइल जमीन से हवा में मार कर सकने में सक्षम है. यह 25 किलोमीटर के रेंज में किसी भी उड़ती चीज को मार गिराने में सक्षम है.
अग्नि-5: यह इंटर-कॉन्टिनेन्टल बैलिस्टिक मिसाइल है. 5500 किलोमीटर मारक क्षमता वाली इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि समय आने पर इसकी रेंज का बढ़ाया जा सकता है.
अग्नि-4 : यह काफी हल्की और नई तकनीकों से लैस मिसाइल है. यह 4000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक जमीन से जमीन पर मार करने में सक्षम है.
अग्नि-3: एडवांस कम्प्यूटर और नेवीगेशन सिस्टम से लैस यह मिसाइल डेढ़ टन तक पेलोड ले जाने में सक्षम है. यह जमीन से जमीन पर 3500 किलोमीटर दूर वार कर सकती है.
अग्नि-2: अत्याधुनिक नेवीगेशन सिस्टम और तकनीक से लैस यह मिसाइल एक टन का पेलोड ले जाने के साथ ही दो हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है.
अग्नि-1: इसे कम मारक क्षमता वाली मिसाइल के तौर पर विकसित किया गया है. यह 700 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है और भारतीय सेना में शामिल हो चुकी है.
निर्भय: भारत की सबसोनिक क्रूज इस मिसाइल में ठोस रॉकेट मोटर बूस्टर के साथ टर्बोफैन इंजन लगा है. इससे इसकी रेंज 800 से 1000 किलोमीटर है. इसे हर मौसम में दागा जा सकता है.
नाग: 4 किलोमीटर रेंज के साथ 42 किलो के वजन वाली यह मिसाइल फायर और फारगेट के आधार पर काम करती है. इससे जमीन से जमीन और हवा से जमीन पर दागा जा सकता है.