औरैया : दूसरे दिन भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी

औरैया। अजीतमल सामुदायिक स्वस्थ केंद्र में सीएचसी स्टाफ और भाजपा नेताओं के बीच हाथापाई के बाद शुक्रवार की रात डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से अजीतमल में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गईं। मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। उधर देर रात एक बजे तक अधिकारियों और डॉक्टरों के बीच वार्ता का दौर चलता रहा। लेकिन वह वार्ता बेनतीजा रही। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती है वह हड़ताल पर रहेंगे। वही अजीतमल सीएचसी सहित जनपद की ओपीडी बन्द है। डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से सबसे ज्यादा दिक्कत मरीजों को झेलनी पड़ रही है। शुक्रवार को कोतवाली क्षेत्र के गांव आलमगीरपुर में रहने वाले अंकुश के परिवार में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। जिसके बाद उसने आत्महत्या का प्रयास किया तो आनन-फानन में परिजन उसको इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अजीतमल ले गए।

उसी दौरान अटसू नगर पंचायत क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी रिचा राजपूत के लिए चुनाव प्रचार कर रहे जिला पंचायत अध्यक्ष कमल दोहरे, भाजपा युवा मोर्चा की जिला अध्यक्ष मोनू सेंगर, ब्लाक प्रमुख रजनीश पांडेय, जिला पंचायत सदस्य सोनू सेंगर सीएचसी पहुंचे। उसी समय इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर उत्कर्ष सरकार खाना खाकर वापस आ रहे थे। जिसे देख वहां पर हंगामा शुरू हो गया और यहां तक कि हाथापाई की नौबत आ गई। हाथापाई देख लोगों की भीड़ एकत्र हो गई और सीएचसी अधीक्षक ने घटना के बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बताया। इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी अर्चना श्रीवास्तव मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों की बात सुनी। जिसमें सत्ताधारी पार्टी के नेता इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को निलंबित करने की मांग कर रहे थे।

वहीं डॉक्टरों का कहना था कि उनके साथी को कमरे में बंद कर उनकी बुरी तरह से मारपीट की गई। ऊपर से निलंबन की कार्रवाई की मांग भी की गई। जिसको लेकर नाराज डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के बाद स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गईं और मरीजों को अस्पताल से मायूस होकर लौटना पड़ा। इसी बीच भाजपा नेताओं के समर्थकों और डॉक्टरों के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गयी। बहस इतनी बढ़ी कि पुलिस को एक्शन लेना पड़ा। सीओ अजीतमल भरत पासवान और प्रभारी शशि भूषण मिश्रा को बीच बचाव के लिए आना पड़ा। जिसके बाद भाजपा नेता अस्पताल से चले गये।

मामला बढ़ता देख फफूंद, अयाना आदि थानों से पुलिस बल बुलाया गया। रात 9 बजे अपर जिला अधिकारी महेंद्र पाल सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक दिगम्बर कुशवाहा अजीतमल, उपजिलाधिकारी अखिलेश कुमार सिंह सीएचसी पहुंचे और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव के साथ मिलकर डॉक्टरों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म नहीं की। वह दोषी भाजपा नेताओं पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। सेंगनपुट्ठा की रहने वाली आशा गांव की महिला रश्मि को डिलीवरी के लिए अजीतमल अस्पताल ले गयी। लेकिन हड़ताल के चलते रश्मि को इलाज नहीं मिल सका। चिटकापुर की रहने वाली उमा पत्नी सुधीर की तबीयत खराब हो गयी।

परिजन अस्पताल लेकर गये। लेकिन हड़ताल के चलते उनको प्राइवेट अस्पताल में ले जाना पड़ा। रात 12 बजे मारपीट के शिकार डॉ. उत्कर्ष सरकार, फार्मासिस्ट अजयवीर सिंह और वार्ड बॉय पीयूष तिवारी का सौ सैया अस्पताल मे पैनल के द्वारा मेडिकल परीक्षण कराया गया। शनिवार को भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। अजीतमल सीएचसी में काम पूरी तरह से बन्द है। वहीं जनपद के अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहेंगी। ओपीडी पूरी तरह से बन्द रहेगी। अजीतमल सीएचसी अधीक्षक डॉ. अवनीश कुमार ने बताया कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मारपीट करने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो। उनकी तुरंत गिरफ्तारी की जाये।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें