-साइकिल चोरी का दर्ज हुआ था पहला मामला
-जेल से वीडियों कॉल कर व्यापारियों को देता था धमकी*
-जमीनों पर कब्जे के बाद, जय दादी सती, लिख देता था कुख्यात
लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश ये वो जनपद है। जहां हमेशा गैंगस्टर का बोल बाला रहा। जमीनों के कब्जे ,अवैध सरिया, का कारोबार और वर्चस्व में खून बहता रहा । जनपद गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर में मौजूद दुजाना गांव कभी कुख्यात सुंदर दुजाना उर्फ डकैत के नाम से जाना जाता था। वो पुलिस की नजर में अपराधी था, मगर पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोग उसे राबिनहुड कहते थे। बात है,70 से 80 के दशक की। सुंदर डकैत कभी भारतीय सेना में बतौर सिपाही था । लोंग बताते हैं कि दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से चलते-चलते मिला और दुआ न सलाम, सीधे जान से मारने की धमकी दे बैठा । फिर क्या वहीं हश्र हुआ, जो अपराधियों का होता हैं।
धीरे-धीरे वक्त गुजरा और दुजाना गांव में एक लड़का पैदा हुआ, जिसका नाम उसके माता पिता ने अनिल नागर रखा, जो शुरू से बड़ा मेहनती था, और खेती बाड़ी 19साल की उम्र तक करता रहा। साल 2000 में उस पर साइकिल चोरी का मामला दर्ज हुआ। जिससें परेशान रहने लगा और अपनी मां से बार-बार कहता कि उसे फंसाया गया है। पर उसकी किसी ने न सुनी, जिसके बाद उसने नाम के आगे दुजाना जोड़ कर कदम आगे बढ़ा दिया, और साल 2002 में पहली हत्या हरवीर पहलवान की फिर पलटकर कर कभी पीछें नही देखा । उसकी मुलाकात पश्चिमी यूपी क खूंखार गैंगस्टर सुंदर भाटी से हुई, और वो बतौर शूटर उसके लिए काम करने लगा, लोंग बताते है, कि दुजाना गांव में दादी सतीं का मंदिर है,और दुजाना उनकी पूजा करता था ।
विवादित जमीन पर कब्जा कर वो ,जय दादी सती, लिख देता । जिसके बाद कोई भी उस जमीन की तरफ नजर उठा कर नही देखता था। 28 मार्च साल 2004 में सुंदर भाटी के जानी दुश्मन नरेश भाटी ने जिला पंचायत चुनाव जीत लिया। कहते है, कभी सुंदर भाटी और नरेश जिगरी दोस्त हुआ करते थे। मगर जरायम की दुनिया में दोस्ती जान लेकर या देकर निभाई जाती इन दोनों के साथ भी ऐसा ही हुआ स्कैब के कारोबार को लेकर दोनों के बीच दुश्मनी हुई जो नरेश भाटी की मौत पर खत्म हुई । दुजाना अभी भी सुंदर भाटी के लिए काम कर रहा था लेकिन अचानक उसने पश्चिम के छोटा शकील कहे जाने वाले सुंदर भाटी से दूरी बना ली । जिसकी खबर नरेश भाटी के भाई रणवीर और भतीजे अमित कसाना को लगी।
इन लोगों ने अनिल दुजाना को अपने साथ मिलकर सुंदर भाटी से बदला लेने की तैयारी शुरु कर दी । 18 नवम्बर साल 2011 को सुंदर भाटी के साले की शादी गाजियाबाद में थी। वहां पहुंचकर दुजाना, रणवीर, और अमित ने एके-47 से सुंदर भाटी पर गोलियों की बौछार कर दी ,लेकिन भाटी मौके से जान. बचाकर भाग निकला लेकिन उसके तीन गुर्गों ने मौके पर दम तोड़ दिया । सुंदर भाटी को जानकारी हुई की उस पर जानलेवा हमला करने में अनिल दुजाना भी शामिल था। तो वो आग बबूला हो गया। वहीं पश्चिमी यूपी में अनिल दुजाना सबसे बड़ी सनसनी बन गया था । हमले से बौखलाया सुंदर भाटी साल 2014 में दुजाना गांव पहुंचा और अनिल दुजाना के भाई जय भगवान को गोलियों से छलनी कर डाला । घटना के बाद.सुंदर भाटी समेत आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ।
जिसके बाद अनिल दुजाना और सुंदर भाटी एक दूसरे की जान के भूखे हो गए । उधर दुजाना अपने गिरोह की जड़े मजबूत करता रहा । जनवरी साल 2019 को दिल्ली के नंद नगरी के व्यापारी से 50लाख की फिरौती मांगी। फिर जरायम का खेल शुरू हुआ। और दुजाना पश्चिम के अपराध की दुनिया में करीब 18 हत्याएं कर 64 मुकदमे अपने नाम कर बैठा । और करीब 300 के आसपास लोंगो को गिरोह में शामिल किया।9साल बाद उसे 2021 में जमानत मिली। और राजस्थान में रहने लगा मगर व्यापारियों से रंगदारी मांगने का सिलसिला चलता रहा। उसके एक फोन से पश्चिमी यूपी के बड़े-बड़े कारोबारी कांप उठते थे। 16 अक्टूबर, 2021 को सिकंदराबाद के एक कारोबारी से करीब एक करोड़ की रंगदारी मांगी और खेड़ी गांव में जय चंद की हत्या के मामले में परिजनों को गवाही न देने के लिए धमकाता रहा ।
सूत्रों की मानें तो बेटी के जन्मदिन में पहुंचने के लिए कुख्यात बीस दिन पहले जमानत पर बाहर आया था । 21 साल जरायम की दुनिया में रहते हुए दुजाना ने आकूत दौलत जमा कर ली थी। जिसका हिसाब किताब उसके कुछ चुनिंदा लोंगो के पास रहता था। जमानत के बाद से यूपी एसटीएफ की रडार पर था । और लखटकिया इनामियां भी था। 4 मई 2023 को मेरठ में यूपी एसटीएफ से आमने -सामने की मुठभेड़ में पश्चिम की सनसनी अनिल दुजाना हमेशा के लिए खामोश हो गया ।
कुख्यात ने कोर्ट में सगाई कर खूब सुखिया बटोरी थी
फरवरी साल 2019 में बागपत की रहने वाली पूजा दुल्हन के कपड़ों में न्यायालय पहुॅची और महाराजगंज जेल में बंद अनिल दुजाना का इंतजार करने लगी दोनों ने कागजी कार्यवाही पूरी कर दुजाना ने अपनी जेब से अंगूठी निकाली और पूजा को पहना दी । 18 फरवरी 2021 को सूरजपुर कोर्ट में शादी भी कर ली ।जिसके बाद दोनों के फोटों सोशल मिडिया पर खूब वायरल हुए थे।
पूजा के पिता ने विवादित जमीन को महफूज रखने के लिए बेटी को आगे कर दुजाना को बनाया था। दामाद
बागपत की रहने वाली पूजा तीन बहने हैं, उसके पिता ने अपनी बेटियों की शादी बदमाशों से ही की क्योंकि उसके पास चालीस बीघा जमीन है। जिसको लेकर उसकी रंजिश चल रही थी। इसी लिए पूजा के पिता ने उसकी शादी दुजाना से की जिससे उसकी जमीन का मामला सुलझ सके और वो महफूज रहे ।
जेल में रहते हुए दुजाना चला रहा था, रंगदारी का बड़ा खेल
अनिल दुजाना जेल से अपने गुर्गों के जरिए वसूली जमीनों पर कब्जे और विवादित जमीनों के मामलों को सुलझाता था। और जेल से पर्चियां में धमकी लिखकर गवाहों के घर भेजकर डराता था। और विडियों कॉल कर पश्चिम के व्यापारियों से रंगदारी लेता था।सुत्रों के अनुसार वो दर्जनों मोबाइल का इस्तेमाल करता था। और पश्चिमी यूपी से लेकर नोएडा दिल्ली और कई राज्यों में करोड़ो की बेनामी सम्पति बनाई जिसकी जानकारी एसटीएफ जुटा रही है।
गौतमबुद्ध नगर के सात कुख्यात गैंगस्टर
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कुख्यात बदमाशों की लिस्ट तैयार की थी।*
सुंदर भाटी पश्चिमी यूपी का सबसे खुंखार अपराधी है। जिसे पश्चिम का छोटा शकील कहां जाता हैं। जो जेल से इशारा भी करता है, तो बड़े-बड़े हिल जाते है। 90 के दशक से अपराध की दुनिया में अपनी बड़ी मौजूदगी दर्ज कराता चला आ रहा है। जिसका नाम माफिया बद्रर्स की हत्या करने वाले शूटरों ने भी लिया था। कुख्यात सोनभद्र जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा हैं।
अनिल भाटी सुंदर भाटी का भतीजा है। और भाटी गिरोह की कमान संभाल रहा है। जो मौजूदा समय में दिल्ली जेल में कैद है । वही उसका दूसरा भतीजा सिंहासन भाटी भी सलाखों के अंदर मौजूद है। अमित कसाना नरेश भाटी की हत्या के बाद से गिरोह को चलाता था। वो भी दिल्ली जेल में सलाखों के पीछे बंद रणदीप भाटी नरेश भाटी का छोटा भाई है। और गौतमबुद्ध नगर का कुख्यात अपराधी है । जेल में बंद एक लाख के इनामियां मनोज उर्फ आसे पश्चिम में रंगदारी हत्या जैसे अपराध को अन्जाम देता हैं। जिसे पुलिस ने मुठभेड़ में दबोचा कर । सलाखों के पीछे डाल दिया । कुख्यात मनोज आसे उर्फ इमलिया उतराखंड के देहरादून में आलीशान होटल बना रखा हैं।
मुकीम काला को बड़ी वारदात के लिए दी थी एके-47 रायफल
साल 2015 को कुख्यात अपराधी मुकीम काला और सबीर जंघेड़ी को एसटीएफ की टीम ने नोएड़ा से दबोचा तो इनके पास से एके-47 रायफल ,पिस्टल ,रिवॉल्वर समेत बड़ी तादाद में कारतूस मिले थे। पूछताछ में कुख्यात ने अनिल दुजाना का नाम लिया था ।मगर जब तक एसटीएफ और जानकारी जुटाती । साल 2017 में चित्रकूट जेल के अंदर काला को मौत की नींद सुला दिया गया।
जरायम की दुनिया से दुजाना ने खड़ा कर लिया था दौलत का बड़ा साम्राज्य
जानकार बताते हैं, कि अनिल दुजाना ने पश्चिम से लेकर दिल्ली तक बेनामी संपत्तियों का बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया था । और पश्चिम में सुंदर भाटी को सीधे टक्कर दे रहा था। लोग उसके नाम से कांपने लगे थे ।दुजाना ने अपने गिरोह में ढाई सौ से भी अधिक युवाओं को शामिल कर रखा था। जिनके जरिए व्यापारियों से वसूली करता था। 21 साल के अपराधिक इतिहास में करीब 200 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति बना रखी थी। जिसका पूरा लेखा-जोखा उसके कुछ चुनिंदा लोगों के पास रहता था। जमानत पर बाहर आने के बाद उसने किन-किन लोगों से बात की एसटीएफ इस बात का पता लगा रही है। जिसमें कई लोग उसकी रडार पर हैं। एसटीएफ इस बात की जानकारी कर उसकी बेनामी संपत्तियों का पता लगाएगी।