
हिंसाग्रस्त मणिपुर से यूपी के और 36 छात्रों की हुई वापसी
– अब तक 98 छात्रों की वापसी, बाकी 38 छात्र भी गुरुवार तक आ जाएंगे
लखनऊ। हिंसा प्रभावित मणिपुर से उत्तर प्रदेश के छात्रों को वापस लाने के अभियान को तेज करते हुए योगी सरकार बुधवार को 36 और छात्रों की वापसी कराने में सफल रही। सभी छात्र अलग-अलग रूट से दिल्ली लाए जा रहे हैं। इससे पहले मंगलवार को भी योगी सरकार ने 62 छात्रों की वापसी में कामयाबी हासिल की थी। अब तक उत्तर प्रदेश के कुल 98 छात्रों को सरकार वापस ला चुकी है। बाकी बचे 38 छात्रों को भी गुरुवार तक वापस लाने का लक्ष्य रखा गया है। यह वे छात्र हैं जो मणिपुर के अलग-अलग संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। वहां उपजे हालातों के चलते सरकार ने उन्हें वहां से निकालने का निर्णय लिया है। जो छात्र दिल्ली पहुंच चुके हैं, उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से वोल्वो बसों और कारों से सुरक्षित उनके घरों के लिए रवाना किया जा रहा है। इस अभियान के रिलीफ कमिश्नर प्रभु नारायण ने बताया कि मणिपुर से आने वाले सभी छात्रों की देखभाल की जा रही है। पहले उन्हें एयरपोर्ट से आरसी ऑफिस और फिर यूपी भवन पहुंचाया जा रहा है, जहां इनके खाने-पीने और सोने की व्यवस्था है। इसके बाद छात्रों को उनके घरों के लिए भेजने की व्यवस्था की गई है। जो छात्र दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं, उन्हें वोल्वो बसों से भेजा जा रहा है, जबकि जो छात्र पास के इलाकों से हैं, उनके लिए कार का प्रबंध किया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार सभी छात्रों को उनके घर तक सकुशल पहुंचाने की जिम्मेदारी का निर्वहन किया जा रहा है।
मणिपुर सरकार कर रही सहयोग, सभी छात्र सकुशल
रिलीफ कमिश्नर प्रभु नारायण ने बताया कि ज्यादातर छात्रों को मणिपुर से निकाल लिया गया है। अब 38 छात्र ही वहां पर बचे हैं। उन्हें भी गुरुवार तक वापल ले आया जाएगा। हमारी प्राथमिकता है कि उप्र के जो भी छात्र मणिपुर में पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द वापस लाना है। हमें 136 छात्रों की मणिपुर में होने की जानकारी मिली थी, जिस पर अभियान चलाकर उन्हें वापस लाने की कार्यवाही की गई है। प्रदेश सरकार की ओर से 24×7 हेल्पलाइन 1070 स्थापित की गई है। इसमें यदि किसी और छात्र के वहां होने की जानकारी मिलेगी तो उसे भी वहां से निकालने के लिए जो भी संभव होगा वो कार्यवाही की जाएगी। मणिपुर सरकार की ओर से उप्र के छात्रों को निकालने में भरपूर सहयोग मिला है। उप्र के छात्रों को वहां एक बस से एयरपोर्ट लाने की सुविधा प्रदान की गई है। इसलिए कोई भी छात्र किसी तरह की हिंसा का शिकार या जख्मी नहीं है।












