शाहजहांपुर के जलालाबाद में कटरी क्षेत्र मिर्जापुर कलान में डग्गामार वाहनों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। कोई भी प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। रोड पर कई वाहन बिना फिटनेस के दौड़ रहे। जिससे बड़े हादसे का लगातार खतरा बना रहता है। प्रशासन के रहमो करम से धड़ल्ले से डग्गामार वाहन चल रहे हैं। शाहजहांपुर जाने के लिए तहसील कलान,मिर्जापुर से जलालाबाद तक सड़कों पर डग्गामार वाहन दौड़ रहे है। जो लोगों की जान से खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं।
कम किराए का लालच देकर सवारियों को अपने वाहनों में ठूंस-ठूंस कर भरते हैं। इन वाहन चालकों में पुलिस व प्रशासन का कोई डर दिखाई नहीं दे रहा है। यहां तक की सड़कों पर चल रहे इस प्रकार के वाहनों पर पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं होने के चलते आए दिन हादसों का भी सबब बना रहता है। न कोई फिटनेस है न ही कोई कागज इसके बावजूद जान जोखिम में डालकर वाहनों का संचालन किया जा रहा है।
“”कलान मिर्जापुर और जलालाबाद में सबसे ज्यादा डग्गामार का आतंक “”
डग्गामार बानो का आतंक सबसे ज्यादा
कलान परौर तिराहा,मिर्जापुर चौराहा ,जरीनपुर तिराहा ,जरीन पुर ढाई चौराहा पर रहता है इन जगहों पर आए दिन दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं । इसके बावजूद कोई संबंधित अधिकारी रोकथाम करने पर ध्यान नहीं दे रहा है।
अभी कुछ दिनों पूर्व कलान पुल इकरी गांव की मोड़ के पास कलान से जलालाबाद के लिए सवारियों से भरी गाड़ी में टेक्निकल फाल्ट होने की वजह गाड़ी पेड़ से टकरा गई जिसमे 5 सांवरिया गंभीर रूप से घायल हों गई। बड़ी गनीमत रही की कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ और किसी की जान नहीं गई । लेकिन मजाल है एक भी डग्गामार वाहन पर रोक लग सकी हो । आये दिन वर्षो ऐसे हादसे होते रहते है जिससे दर्जनों लोग अपनी जान गंवा देते है
जान जोखिम में डाल लोग कर रहे सफर अपनी जान जोखिम में डालकर इन वाहनों में यात्रा कर रहे लोगो की भी अपनी मजबूरी है। हालांकि जनपद के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी क्षेत्रों में परिवहन संसाधनों का पहले से ही भारी आभाव रहा है। इसके चलते अधिकांश ग्रामीण इलाकों में रोडवेज बसों की कमी के चलते डग्गामार वाहनों का संचालन आम बात है। जनपद के मुख्य मार्गों से लेकर संपर्क मार्गों पर रोडवेज की बसों की संख्या ना के बराबर है। जिसके चलते यात्री डग्गामार बसों में सफर करने को मजबूर हैं। तो वही अगर बात की जाए डग्गामार वाहन के मालिकों की तो वह भी लोगों की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रहे हैं। वाहन चालक सवारियों को भेड़ बकरी की तरह ठूस ठूंस कर भरते है। यही नहीं हद तो तब हो जाती है जब वाहन चालकों की सीट पर 4 – 4 सवारियों को देखा जा जाता है। जो सीधे सड़क दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं।
अवैध रुप से चल रहे डग्गामार वाहनो पर कोई कार्रवाई नही
फिलहाल अवैध रुप से चल रहे डग्गामार वाहनो पर पुलिस द्वारा भी कोई कार्यवाही नही की जाती। पुलिस द्वारा कार्यवाही ना करना कही न कही पुलिस विभाग पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है वही कुछ वाहन मालिकों ने सीधा बताया की उनका थाने में महीना बँधा हुआ है तो उन्हें कोई डर नहीं है जबकि मिडिया लगातार ऐसी खबरें छापता आ रहा है लेकिन प्रशाशन अनदेखा कर आगे बढ़ जाता है। संबंधित प्रकरण में ज़ब सी ओ जलालाबाद से जानकारी की गयी तो उनके द्वारा बताया गया की अभी तक उनकी जानकरी डग्गामार वाहन चलने से संबंधित ऐसा कोई प्रकरण नहीं आया है अगर ऐसा है तो आवश्यक कार्यवाही की जाएगी ।