झांसी । पुष्पेन्द्र एनकाउंटर मामले में पुलिस प्रशासन और नेताओं द्वारा पूरे दिन चली वार्ता देर रात फिर विफल हो गई। मृतक का भाई पुलिस अधिकारियों से केवल हत्यारोपित थाना प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की जिद पर अड़े रहें। वहीं देर रात पुलिस और परिजनों के बीच झड़प हो गई। परिजन और ग्रामीण मांगों पर अड़े हैं। समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने जबरन अंतिम संस्कार कराते हुए थानेदार को बचाने में जुटी हुई है।
पुष्पेन्द्र यादव के एनकाउंटर मामले को परिजन झूठा बताते हुए पूरे दिन थाना प्रभारी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराने की जिद पर अड़े रहे। डीआईजी, जिलाधिकारी समेत एसएसपी ने कई बार वार्ता का प्रयास किया, लेकिन सब विफल रहीं। देर शाम एडीजी प्रेमप्रकाश भी पुष्पेन्द्र के गांव पहुंचे। उन्होंने थाना प्रभारी को हटाने व जांच में दोषी पाए जाने वाले सभी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन मृतक के परिजन थाना प्रभारी पर हत्या का मामला दर्ज कराने पर तुले रहे। देर रात तक कई बार पुलिस और परिजनों के बीच नोक झोंक हुई। देर रात जिले से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया।
समाचार लिखे जाने तक अफसर गोपनीय मंथन कर पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों का इंतजाम शुरू किया और आखिरकार प्रेम नगर इलाके में स्थित एक श्मशान घाट में देर रात पुष्पेंद्र यादव के शव का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसको लेकर मृतक के परिजनों समेत ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। मौके की नजाकत को देखते हुए ग्राम प्रधान और पंडित को बुलाकर डीएम और एसएसपी ने वार्ता की। वहीं, महिला फोर्स पुलिस लाइन से गांव पहुंच गई है। हेलमेट नहीं लेने पर एसएसपी ने नाराजगी जताई है।
बैरंग लौटे सपा नेता
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा जिलाध्यक्ष छत्रपाल सिंह यादव को फोन कर कहा कि वह गांव जाकर परिजनों से वार्ता कर अंतिम संस्कार कराएं। यहां परिजनों से वार्ता करने पहुंचे छत्रपाल सिंह की परिजनों से वार्ता विफल रही। वे बैरंग वापस लौट गए। राजसभा सांसद डॉ चंद्रपाल सिंह से अधिकरियों ने वार्ता कर अंतिम संस्कार कराने की बात कही, इसको भी परिजनों ने खारिज कर दिया। अब पुलिस दूसरे गांव में अंतिम संस्कर के लिए जगह देखने गई है, जहां अंतिम संस्कार भारी पुलिस बल लगाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक इस बात को लेकर हालात और बिगड़ सकते हैं। इसको देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गांव बना छावनी
करगुवां खुर्द में स्थिति को देखते हुए तीन कंपनी पीएसी समेत भारी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। मृतक पुष्पेंद्र के घर पर महिलाएं जमा हैं, तनाव बरकरार है। इस बीच अधिकरियों और परिजनों के बीच तीसरी बार की वार्ता हुई, जो विफल रही। बातचीत के दौरान परिजनों और पुलिस अधिकारियों के बीच कहासुनी हो गई। परिजनों ने पुलिस के सामने ही नारेबाजी शुरू कर दी। गांव की महिलाएं धरने पर बैठ गई। परिजन पुलिस पर एफआईआर की मांग कर रहे हैं।
मृतक के भाई ने खुद के एनकाउंटर का भी भी जताया संदेह
मीडिया से बात करते हुए मृतक पुष्पेन्द्र के भाई रविन्द्र ने बताया कि उसे डर है कि पुष्पेन्द्र की तरह कहीं उसका भी एनकाउंटर न कर दिया। उसे अपने साथ पूरे परिवार के जीवन का भी खतरा दिखाई दे रहा है। उसने साफ लब्जों में कहा कि उसे किसी पार्टी से मतलब नहीं,परन्तु उसके लोगों ने थानेदार को उसके भाई की हत्या करते देखा है। फिर पुलिस उसकी एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कर रही है। उसे अधिकारी तमाम तरह से दबाव में भी लेने की कोशिश कर रहे हैं।
मुकदमा दर्ज न होने पर राष्ट्रपति से पूरा परिवार मांगेगा इच्छा मृत्यु
रविन्द्र ने कहा कि यदि उसके भाई के हत्यारोपित पर मुकदमा नहीं लिखा जाता है तो पूरा परिवार शव का अन्तिम संस्कार नहीं करेगा। साथ ही पूरा परिवार राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाएगा। ऐसे हालातों में मरना ही बेहतर होगा।