आज के समय में शायद ही कोइ्र ऐसा व्यक्ति होगा जो स्वस्थ नहीं रहना चाहता होगा। लेकिन ये बात भी सच है कि इस भागदाैड़ भरी जिंदगी में किसी का भी स्वस्थ रह पाना असंभव सा लगने लगा है क्योंकि पैसे कमाने के चक्कर में खुद पर वक्त कोई नहीं दे पाता है। इतना ही नहीं कई बार तो ऐसा भी होता है कि लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में लाइफस्टाइल और खान पान के साथ स्वास्थ्य के बीच का संतुलन नहीं बना पाते है क्योंकि ये बेहद ही कठिन है।
इतना ही नहीं आपको बताते चलें कि हममें से कई ऐसे लोग होंगे जो इन चीजों को लेकर परेशान रहते होंगे वहीं ये भी बता दें कि इससे निपटने का कुछ उपाय भी है जिसे अपनाने के बाद आप अपने स्वास्थ और शरीर दोनो में संतुलन बना सकते हैं। जी हां दरअसल आज हम आपको उसी बारे में बताने जा रहे हैं, बता दें कि जिस चीज की हम बात करने जा रहे हैं उसका नाम है पपीता। जी हां पपीता एक ऐसा फल है जो आपको कहीं भी आसानी से मिल जाएगा। अगर आपके घर के सामने कुछ जमीन है तो आप इसका पेड़ भी लगा सकते हैं।
बताते चलें कि ये एक ऐसा फल है जिसे कच्चा खाने पर भी लाभ होता है। हममें से आधे लोग असंतुलित समय पर खाना और ऑफिस में लंबे समय तक बैठकर काम करने के कारण शरीर का वजन भी बढ़ने लगता है। रोज सुबह पपीते के सेवन के बढ़े हुए वजन को कम किया जा सकता है। जी हां बता दें कि हमारे शरीर में मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया में कुछ फ्री रेडिकल बनते है। थोड़ी मात्रा में इनका बनना जरूरी होता है। परंतु जब ये ज्यादा मात्रा में बनते है तो नुकसान पहुँचाने लगते है।
पपीते में उच्च मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। साथ ही ये विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है। अपने इन्हीं गुणों के चलते ये कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में काफी असरदार है। इसके अलावा इसके सेवन से रोग प्रतिरक्षा क्षमता अच्छी हो तो बीमारियां दूर रहती हैं। पपीता आपके शरीर के लिए आवश्यक विटामिन सी की मांग को पूरा करता है। ऐसे में अगर आप हर रोज कुछ मात्रा में पपीता खाते हैं तो आपके बीमार होने की आशंका कम हो जाएगी।
इतना ही नहीं आपको बता दें कि पपीते में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए पपीता बहुत उपयोगी होता है। पपीते के नियमित सेवन से शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।पपीते के सेवन से पाचन तंत्र भी सक्रिय रहता है। पपीते में कई पाचक एंजाइम्स होते हैं। साथ ही इसमें कई डाइट्री फाइबर्स भी होते हैं जिसकी वजह से पाचन क्रिया सही रहती है। जिन बच्चों को कम उम्र में ही चश्मा लग जाता है उनके लिए भी पपीता और नींबू बेहद लाभकारी है।