
गाजियाबाद में जैन समाज के एक उद्यमी का 17 साल का बेटा जिम जाने की बात कहकर दिन में पांच बार घर से निकलता था। परिवार को शक हुआ कि भला एक दिन में पांच बार जिम करने कौन जाता है? लड़के का पीछा किया तो पता चला कि वो दिन में पांच बार की नमाज पढ़ने मस्जिद जाता है। ये देख फैमिली के होश उड़ गए। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जो खुलासा किया, वो और भी चौंकाने वाला रहा।
पुलिस ने दावा किया है कि ऑनलाइन गेम खिलाने वाला एक ऐसा गैंग एक्टिव है जो पहले गैर मुस्लिम लड़कों को हराता है, फिर गेम जीतने के लिए उनसे कुरान पढ़वाता है। कुरान पर भरोसा कायम हो जाए, इसलिए ये गैंग खुद हल्का खेलकर इन लड़कों को जितवा देता है। यहीं से ब्रेनवॉश और धर्मांतरण का खेल शुरू होता है। गैंग से उप्र, हरियाणा और पंजाब में चार नाबालिग लड़कों को इस्लाम धर्म ग्रहण कराने की बात पुलिस जांच में पुष्ट हो चुकी है।
- DCP निपुण अग्रवाल ने बताया कि ये गैंग कैसे काम करता है, सिलसिलेवार समझिए…
पहला स्टेप : ये गैंग गैर मुस्लिम नामों से ID बनाकर फोर्ट नाइट एप पर गेम्स खेलता था। इस गेम में कुछ लड़के हार जाते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि वो कुरान की आयतें पढ़ें। ऐसा करने से वह गेम जीत सकते हैं। कुछ लड़के ऐसा कर लेते थे। वह सच में कुरान पढ़ने की वजह से जीते हैं, ये भरोसा दिलाने के लिए सामने वाले गैंग मेंबर हल्का खेलते थे। ऐसे में जीतने वाले गेम यूजर्स का कुरान पर भरोसा और बढ़ जाता था।
दूसरा स्टेप : कुरान में लगातार रूचि दिखाने वाले हिन्दू लड़कों से डिस्कॉर्ड एप के जरिये मुस्लिम लड़के हिन्दू नाम की यूजर आईडी बनाकर चैटिंग करते थे। उन्हें बताते थे कि इस्लामिक रीति-रिवाज कैसे बेहतर हैं। इससे उसको लगता था कि जब सामने वाला हिन्दू होकर भी इस्लाम के बारे में ऐसा बोल रहा है तो सच ही होगा।
तीसरा स्टेप : जब गेम यूजर्स इस्लाम में अपनी आस्था दिखाने लगता था तो फिर ये गैंग उसको कट्टर बनाते थे। इसके लिए प्रतिबंधित इस्लामिक स्कॉलर जाकिर नाईक के वीडियो स्पीच सुनाए जाते थे। उन्हें इस्लामिक लिट्रेचर मुहैया कराया जाता था। इस्लाम के रीति-रिवाज के बारे में बताया जाता था।
सबसे आखिर में पढ़वाते थे नमाज
ब्रेनवॉश हो चुके हिन्दू लड़कों को सबसे आखिर में कहा जाता था कि वे नजदीकी मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ना शुरू कर दें। ऐसा करने वे अपने जीवन में और तरक्की पाएंगे। खूब पैसा आएगा। जीवन में कोई मुसीबत नहीं आएगी। गाजियाबाद में जैन फैमिली का नाबालिग लड़का यही करने लगा। वो अपने घर से कुछ ही दूरी पर संजय नगर सेक्टर-23 की मस्जिद में जाकर पांचों वक्त की नमाज पढ़ने लगा।
मौलवी ने लिया शपथ पत्र- ‘मैंने मर्जी से इस्लाम कुबूला’
DCP निपुण अग्रवाल ने बताया, संजय नगर सेक्टर-23 की मस्जिद का मौलवी अब्दुल रहमान दो लड़कों का धर्मांतरण करा चुका था। इसमें एक जैन और दूसरा हिन्दू नाबालिग लड़का था। जो दूसरा लड़का है, उसके पिता की बचपन में मृत्यु हो चुकी है और मां का कोरोना में निधन हो गया। 12 मई को इस लड़के से लिखवाया जा चुका है कि वो अपनी मर्जी से इस्लाम कुबूल चुका है। मौलवी के मोबाइल से गैर मुस्लिम युवकों को बरगलाकर इस्लाम अपनाने के साक्ष्य भी मिले हैं। अभी तक चार लड़कों के धर्मांतरण की पुष्टि हुई है। जिसमें दो गाजियाबाद, एक फरीदाबाद और एक चंडीगढ़ से है। इन चारों के परिजनों से पुलिस ने संपर्क कर लिया है।
मुख्य आरोपी बद्दो को पकड़ने ठाणे पहुंची पुलिस
पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि इस गैंग का प्रमुख व्यक्ति बद्दो उर्फ खान शहनवाज मकसूद है। वो महाराष्ट्र में ठाणे का रहने वाला है। गाजियाबाद पुलिस ठाणे में पहुंच गई है। बद्दो की तलाश जारी है। जल्द उसे पकड़कर गाजियाबाद लाया जाएगा। गाजियाबाद के संजयनगर की मस्जिद का मौलवी अब्दुल रहमान भी बद्दो से जुड़ा हुआ था। अब्दुल रहमान को रविवार को ही गिरफ्तार किया जा चुका है। ये कुछ दिनों पहले तक मस्जिद कमेटी का सदस्य भी था।














