सिडनी (ईएमएस)। ‘फनल-वेब्स’ को दुनिया की सबसे घातक मकड़ी मानी जाती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर ये मकड़ियां एक बार किसी इंसान को काट लें और समय पर इलाज नहीं मिले तो वो मर भी सकता है। ये ‘फनल-वेब्स’ मकड़ियां ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में पाई जाती हैं। लेकिन हाल के शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि दुनिया की सबसे घातक ‘फनल-वेब्स’ मकड़ियों का जहर उनके मूड पर आधारित होता है। ऑस्ट्रेलियाई संग्रहालय ने पाया है कि फनल-वेब मकड़ियां मकड़ियों के समुदाय की सबसे खतरनाक सदस्य हैं। ये मकड़ियां पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में पाईं जाती हैं। अभी हाल में वैज्ञानिकों ने इन मकड़ियों के जहर उगलने या निर्मित करने की क्षमता पर अध्ययन किया है। इस मामले में बात करते हुए जेम्स कुक यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल हेल्थ एंड मेडिसिन के डॉ. लिंडा हर्नांडेज़ डुरान ने बताया कि इन मकड़ियों की हृदय गति और बचाव क्षमता जैसे कारक उनके सिरों पर विष के वितरण को प्रभावित करते हैं।
डॉ. डुरान ने अलग-अलग परिस्थितियों में फनल-वेब की विभिन्न प्रजातियों द्वारा उत्पन्न विष का अध्ययन किया है। उन्होंने अपने अध्ययन के बाद बताया कि ये दुनिया की सबसे घातक मकड़ियां होती हैं। उन्होंने बताया कि फनल वेब्स मकड़ियों में काफी जटिल जहर पाया जाता है। उन्होंने बताया कि उनके विष के अणुओं में पाया जाने वाला रसायन उपचार और प्राकृतिक जैव कीटनाशकों के लिए मूल्यवान काफी होते हैं। हालांकि वैज्ञानिकों की टीम ने सबसे घातक मकड़ी की चार अलग-अलग प्रजातियों का परीक्षण किया, जिनमें बॉर्डर रेंज (हैड्रोनीचे वैलिडा), डार्लिंग डाउन्स, (हैड्रोनीचे इन्फेन्सा), दक्षिणी वृक्ष-निवास (हैड्रोनीचे सेरबेरिया) और सिडनी फनल-वेब (एट्रैक्स रोबस्टस) शामिल हैं। कुछ मकड़ियों के जहर में विभिन्न कारकों जैसे रक्षात्मकता और हृदय गति के आधार पर भिन्नता होती हैं।