बरेली। करीब 15 वर्ष में पहली बार केंद्र सरकार ने गेहूं पर लगातार बढ़ रहे दामों पर लगाम लगाने के लिए भंडारण सीमा तय कर दी, जो 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी। यह ट्रेडरों, थोक विक्रेताओं, खुदरा बिक्री वाली बड़ी श्रृंखलाओं और प्रसंस्करणकर्ताओं पर लागू होगी। किसान भंडारण सीमा दायरे से बाहर रखे गए हैं। स्टॉप सीमा निर्धारित होने से बाजार में खलबली मची हुई है। दामों में भी उतार दिख रहा है। करीब 100 रुपये प्रति कुंतल गेहूं दामों में गिरावट आई है। उल्लेखनीय है कि 5 माह पहले जनवरी में गेहूं साढ़े 32 सौ रूपये प्रति क्विंटल तक बेचा गया था, जिससे आटा भी महंगा हुआ। लेकिन बाद में नई फसल आने पर गेहूं तो सस्ता हुआ लेकिन आटा बाजार में कोई खास असर नहीं दिखा।
मार्च तक रहेगा प्रतिबंध, निर्यात पर रोक जारी
भंडारण सीमा ऐसे समय में तय हुई है, जब देश में वित्त वर्ष 2022-23 फसल विपणन सत्र (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड 1,120 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है। लेकिन मॉनसून की रफ्तार गड़बड़ रहने की संभावना और 2024 आम चुनाव और आने वाले महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव देखते हुए संभवतः केंद्र सरकार ने कदम उठाया है। सरकार खाद्य पदार्थ और अनाज महंगाई पर कोई जोखिम लेना नहीं चाहती। कुछ दिनों पहले प्रमुख दालों पर अक्टूबर तक भंडारण सीमा तय कर दी थी। चीनी निर्यात का कोटा बढ़ाने से भी सरकार ने इनकार कर दिया है।
आवश्यक वस्तु अधिनियम में होगी कार्रवाई।
एक माह में निर्धारित सीमा में भंडारण सही कर लें व्यापारी
आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि कारोबारी गेहूं भंडारण निर्धारित सीमा में कर लें। संबंधित विधिक इकाईयां, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wp/login) पर स्टॉक स्थिति घोषणा करना अनिवार्य है। यदि धारित स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है तो वे इस अधिसूचना के जारी होने की तारीख से 30 दिनों में निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाएंगे। व्यापारी हर दिन स्टाक संबंधी सूचना पोर्टल पर देंगे। खाद्य व उपभोक्ता मामला मंत्रालय ने कहा है कि (https://evegails.nic.in/wp/login) पर गेहूं स्टॉक नियमित रूप से देंगे।
खुला बाजार में बिक्री योजना
सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना के तहत पहले चरण में केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी फैसला लिया है। बिक्री 10 से 100 टन के स्लॉट में 2,125 और 2,150 रुपये प्रति क्विंटल भाव से होगी। खुली बिक्री इसी सप्ताह होने की संभावना है।
यह है भंडारण सीमा
व्यापारी/थोक विक्रेता: 3000 टन
रिटेलर :
प्रत्येक रिटेल आउटलेट 10 टन
बिग चेन रिटेलर
प्रत्येक आउटलेट पर 10 टन और उनके सभी डिपुओं पर 3000 टन
प्रोसेसर्स : वार्षिक संस्थापित क्षमता का 75%, या मासिक स्थापित क्षमता बराबर मात्रा 2023-24 में शेष महीनों से गुणा करके, जो भी कम हो
क्या कहते हैं व्यापारी
खाद्यान्न क्षेत्र में प्रमुख कारोबारी राजू खंडेलवाल कहते हैं कि सरकार आयात नीति पर फिर से विचार करें विदेशों से आने वाला गेहूं अगर बाजार में आने लगेगा तो घरेलू मांग आसानी से पूरी हो सकेगी। समुंद्रतट प्रदेशों में गेहूं आसानी से पहुंच सकेगा और सस्ता हो सकता है। घरेलू उत्पादन से बाकी देश में गेहूं उपलब्धता प्रचुर मात्रा में हो जाएंगी। उनका कहना है कि आयात शुल्क 30 प्रतिशत से कम कर 10% किया जाए तब इसका फायदा आम उपभोक्ता को भी होगा।
स्टाक सीमा लागू करना अव्यवहारिक
प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल राजेंद्र गुप्ता कहते हैं कि इस समय स्टाक सीमा नीति लाने का कोई औचित्य नहीं है। इसका बाजार में कोई खास असर नहीं पड़ेगा ना ही कोई किसी उपभोक्ता को कोई फायदा होगा। उनका कहना है इससे महंगाई पर लगाम नहीं लग सकती। आयात पर सरकार पर्याप्त छूट दे तभी महंगाई पर अंकुश लग पाएगा।