मुंबई (ईएमएस)। पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज तेजी से बढ़ा है। ग्रॉसरी से लेकर महंगे इलेक्ट्रिक सामान तक लोग ऑनलाइन मंगान पसंद करते हैं। हालात ये हैं कि अब देश की 44 फीसदी आबादी सब्जी और फल भी ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म पर विश्वास रखती हैं, जबकि 56 प्रतिशत लोगों का मानना है ऐसे रोजमर्रा के सामानों के लिए परंपरागत ऑफलाइन माध्यम ही बेहतर है। दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में फल एवं सब्जियों के साथ ही किराने का सामान बेचने वाले कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप ओटीपाई ने मई में 3,000 से ज्यादा लोगों का ऑनलाइन सर्वेक्षण कराया था।
इस सर्वे का उद्देश्य उपभोक्ताओं के खरीदारी को लेकर बदलते व्यवहार को जानना था। इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों से पता चला कि कीमतों के मामले में 50 प्रतिशत लोगों को लगता है कि ऑफलाइन सब्जी और फ्रूट खरीदना सस्ता पड़ता है, जबकि शेष 50 प्रतिशत का मानना है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दरें कम हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक लगभग 36 प्रतिशत उत्तरदाता ताजे फलों और सब्जियों की तत्काल डिलीवरी चाहते थे, जबकि शेष ने 12 घंटों के अंदर डिलीवरी का विकल्प चुना।
इस सर्वेक्षण में हेल्दी प्रोडक्ट्स की डिमांड के बारे में भी बताया गया कि 43 प्रतिशत प्रतिभागी जैविक या हाइड्रोपोनिक फलों और सब्जियों का विकल्प चुनते हैं। लगभग 77 प्रतिशत लोग जैविक और हाइड्रोपोनिक फलों और सब्जियों के लिए 15 प्रतिशत तक ज्यादा रकम का भुगतान करने के लिए तैयार हैं।