भारत में 19 वर्ष के बाद 59 दिन का होगा श्रावण मास, जानें क्यों खास है यह साल

– शिव भक्तों को आठ सोमवार भगवान महादेव की पूजा का मिलेगा पुण्यलाभ

लखनऊ (हि.स.)। हर वर्ष के श्रावण मास में चार या पांच सोमवार आते हैं लेकिन 22 मार्च से शुरू हुए इस बार के नव संवत्सर मलमास होने के कारण सावन 59 दिनों का होगा, जिसमें आठ सोमवार होंगे। यह जानकारी भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या धाम के निवासी आचार्य एवं कथावाचक पंडित गोपाल आचार्य शास्त्री ने गुरुवार को दी।

उन्होंने मीडिया को बताया कि अद्भुत संयोग के चलते इस बार के नव संवत्सर में चार जुलाई से शुरू होकर 17 जुलाई तक रहेगा। फिर 18 जुलाई से अधिकमास अर्थात मलमास प्रारंभ हो जाएगा, जो 16 अगस्त तक रहेगा। मलमास के खत्म होने के बाद 17 अगस्त से पुनः सावन लग जाएगा और 31 अगस्त तक रहेगा। इस दिन रक्षाबंधन का पर्व है इसलिए चार जुलाई से 31 अगस्त तक चलने वाले सावन के 59 दिन अर्थात लगभग दो महीने का होगा। इसके संयोग के चलते अब शिव भक्तों को देवाधिदेव भगवान शिव की उपासना के लिए कुल आठ सोमवार मिलेंगे। आचार्य ने बताया कि इतना ही नहीं, नया विक्रम संवत 2080 भी इस बार 12 की जगह 13 माह का होगा।

कथावाचक पंडित गोपाल आचार्य शास्त्री ने बताया कि हिंदू नव वर्ष अर्थात नव संवत्सर का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। चैत्र मास हिंदू कैलेंडर का प्रथम माह भी होता है। इस नव संवत्सर के राजा मुंह और मंत्री शुक्र हैं। इस बार के हिंदू नव वर्ष की शुरुआत शुक्ल पक्ष और ब्रह्मा योग में हो रही है जो कि बेहद शुभ मानी जाती है क्योंकि इन योग में किए गए कार्य में विशेष सफलता प्राप्त होती है।

इन दिनों पड़ेंगे सावन के सोमवार

इस बार के सावन में पहला सोमवार 10 जुलाई, दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई, चौथा सोमवार 31 जुलाई, पांचवां सोमवार 7 अगस्त, छठा सोमवार 14 अगस्त, सातवां सोमवार 21 अगस्त और आठवां सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा।

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