बरेली। कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ऑफिस में 20 साल से एक ही पटल देखने वाले भ्रष्टाचार में घिरे लिपिक शिवकुमार को शासन ने हटा दिया है। बाबू की मदद करने वाले तकनीकी सहायक सहित एक अन्य लिपिक का भी तबादला कर दिया गया है। हालांकि अधिकारियों के चहेते इन बाबुओं ने अब तक चार्ज नहीं छोड़ा है। कृषि विभाग के बिलवा स्थित डिप्टी डायरेक्टर दीदार सिंह के दफ्तर में कार्यरत बाबू शिवकुमार कृषि यंत्र सब्सिडी का पटल देखते थे। उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगाए गए थे। बहेड़ी विधायक अताउर रहमान ने शासन को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच की मांग की थी। इसके बाद कृषि विभाग के दोनों बाबूओं और तकनीकी सहायक की विभागीय के अलावा प्रशासनिक जांच शुरू कर दी गई थी।
कृषि यंत्र सब्सिडी घोटाले में चल रही थी जांच, विधायक अताउर रहमान ने शासन को लिखा था पत्र
डीसी मनरेगा गंगाराम की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी मामले की जांच कर रही थी। दैनिक भास्कर ने भी इस मामले को उठाते हुए समाचार प्रकाशित किए थे। दोनों बाबू और तकनीकी सहायक साठगांठ के चलते हर बार अपना ट्रांसफर रुकवा लेते थे। इस बार शासन ने इनके ट्रांसफर कर दिए। पूर्व डिप्टी डायरेक्टर अशोक कुमार के कार्यकाल में दोनों बाबुओं और तकनीकी सहायक ने फर्जी किसानो को दर्शाकर उनके बैंक खाते में सरकार की सब्सिडी ट्रांसफर कर दी थी। इसके एवज में अपात्रों से मोटी रकम वसूली गई। बाबुओं ने ये खेल बीते कई साल से चला रखा था। इसके चलते कृषि विभाग की सब्सिडी का लाभ असली किसानों के बजाय अपात्रों को मिल गया और बाबू और तकनीकी सहायक मालामाल हो गए।