दैनिक भास्कर ब्यूरो
महाराजगंज। जज्बात की दुनिया में न कोई अपना होता है, न पराया। न कोई अच्छा होता है न बुरा। न कोई नीति होती है न अनीति।यही तो एक ऐसी दुनिया है जिस में होशों के परखचे उड़ जाते हैं। ऐसा ही एक मामला बृजमनगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने मौसी के घर मेहमानदारी करने आए दो बच्चों का बाप अपने ही मौसेरी बहन को प्रेम जाल में फंसा कर भगा ले जा रहा था।जिस की बनगढ़िया पुल के पास एक पिक अप से भिडंत होने से प्रेमी जोड़े पकड़ लिए गए।जहां दोनों की जम कर धुनाई हुई। फरेंदा थाना क्षेत्र के ग्राम पोखरभिंडा निवासी दो बच्चों का बाप 35 वर्षीय युवक संदीप शर्मा बृजमनगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने मौसी के घर मेहमानदारी करने आया था।
युवती के माता पिता घटना स्थल पर पहुंच कर प्रेमी जोड़े की किए जम कर पिटाई,युवती को ले गए घर,
जहां वह अपने मौसी की बेटी को प्रेम जाल में फंसा लिया।जब हद पार कर लिए तो एक साथ जीने मरने की कसमें खा कर सोमवार को दिन में बारह बजे भागने का प्लान बना लिए।युवक मौसी के घर से अपनी बाइक लेकर गांव से सटे कोल्हुई बृजमनगंज रोड पर कुछ दूर आया। जहां पहले से छिप कर बैठी उसकी मौसी की बेटी युवक के बाइक पर बैठ गई।
युवक फर्राटे भरते हुए सोनाबंदी चौराहे से फरेंदा रोड पर मुड़ कर जैसे ही बनगढ़िया पवहि नाला पुल के सटे पहुंचे फरेंदा के तरफ से आ रही एक अनियंत्रित पिक अप से उसकी बाइक भिड़ गई। जिस से दोनों घायल हो गए।भागने की सुराग पाकर युवती का पिता पीछा करते घर से 6 किलो मीटर दूर घटना स्थल पर पहुंच गया। वह फोन से अपनी पत्नी को मामले से अवगत कराया।पंद्रह मिनट के अंदर ही उसकी पत्नी पहुंच कर दोनों ने प्रेमी जोड़े की जम कर धुनाई की।
किसी ने घायल प्रेमी जोड़े को उपचार के लिए फोन कर एंबुलेंस बुला लिया।परंतु एंबुलेंस पर चढ़ने के लिए युवती के माता पिता सिर्फ अपनी बेटी को बैठाने के लिए राजी थे। युवक के बैठने की जिद पर फिर पिटाई करने लगे।जिस से सहमे एंबुलेंस वाले वापस लौट गए।इस के बाद युवती को एक युवक के पीछे बाइक पर बैठा गया। इस के बाद भी बाइक पर बैठाई युवती अपने प्रेमी को पकड़ ली।जिसे युवती का पिता युवक की जम कर पिटाई करके छुड़ाया। युवती का पिता बाइक पर युवती को पीछे से पकड़ कर घर की ओर चल दिया। दुर्घटना के करीब आधे घण्टे तक बनगढ़िया पुल के पश्चिम काफी भीड़ और उसी बीच मार पीट की घटना होती रही।परंतु बृजमनगंज पुलिस घटना स्थल पर नहीं पहुंच पाई थी।