
बहराइच। जनपद के विकासखंड शिवपुर अंतर्गत चौकसाहार ग्राम पंचायत के उपरारिहनपुरवा, गुलरीपुरवा, मंशारामपुरवा व जगरूपपुरवा के सैकड़ों महिला पुरुष ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। ग्रामीणों ने कहा कि कई वर्षो से गांव के सड़क और पुल निर्माण की मांग की जा रही हैं। कई बार जिम्मेदारों को प्रार्थनापत्र दिया गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। हम ग्रामीणों के निकलने के मुख्य मार्ग पर बह रहे नाले में पुल न होने से करीब पांच हजार की आबादी ग्राम्य विकास से अछूता रहते हुए प्रभावित हो रही हैं। डबल इंजन सरकार में भी बीमार लोगों व गर्भवती महिलाओं को डोली में उठाकर लाना ले जाना पड़ रहा है।
यदि जल्द ही हम लोगों की समस्याओं का नहीं हुआ निदान तो करेंगे आंदोलन- ग्रामीण
ग्रामीणों ने कहा कि कई वर्ष से लगातार विभाग से पुल बनाने की मांग की जा रही है किन्तु लगभग आधे दर्जन गांव की कई हजार आबादी नाले पर पुल न होने से गहरे पानी में उतर कर जिला, तहसील व ब्लाक मुख्यालय के मुख्य मार्ग तक पहुंच पाती है। जाड़ा, गर्मी व बरसात में नाले को पार करके इन गांवों के बच्चों को गांव से काफी दूर स्कूल जाना होता है जिससे अधिकतर ग्रामीण अपने बच्चों को पढ़ने ही नहीं भेजते। यह क्षेत्र सरयू तथा घाघरा नदी के बीच का है जो अति बाढ़ प्रभावित है। बरसात के मौसम में गांव की महिला पुरुषों व बच्चों को जान जोखिम में डालकर पार करना होता है। नाला तथा गंभीर बीमारी व विषम परिस्थितियों में मूलभूत सुविधाओं की अनुपस्थिति में ग्रामीणों की जान भी चली जाती है।
एक ओर केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा जहां पिछड़े क्षेत्र के गांवों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़कर गांव में समुचित विकास के कदम उठाए जा रहे हैं और उनके सर्वांगीण विकास के कार्य किये जा रहे हैं तो वहीं ऐसे में कई हजार की आबादी वाले इस गांव में अभी तक बिजली, पानी, स्कूल, शिक्षा व रास्ते जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के अभाव में कष्टमय जीवन जीने को ग्रामीण मजबूर है।
आखिर इतनी बड़ी आबादी के लोगों के निकलने के रास्ते से बहने वाले नाले पर आखिर क्यों नहीं निर्माण कार्य शुरू किया गया। इसमें शासन-प्रशासन की लापरवाही कहें या फिर बड़े-बड़े नेताओं की अनदेखी कहें। ग्रामीणों ने प्रदर्शन करके प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर काम नहीं शुरू कराया जाएगा तो हम लोग रास्ते पर बैठकर पूरे गांव के लोग धरना प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर गांव के सैकड़ों लोग, बच्चे सहित महिलाएं भी शामिल रहीं।