बरेली : ब्रज क्षेत्र के जिला और महानगर अध्यक्षों पर लटकी मूसीबत की तलवार

बरेली। सावन आते ही देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के संगठन में फेरबदल शुरू हो चुका है। संगठन का यह बदलाव हालांकि अभी उच्च स्तर पर चल रहा है, लेकिन अगले दो हफ्तों के अंतर प्रदेश और ब्रजक्षेत्र में भाजपा संगठन के अंदर यह बदलाव स्पष्ट रुप से दिखाई देगा। ब्रज क्षेत्र भाजपा में 50 फीसदी जिला और महानगर अध्यक्ष बदलने की अटकलें तेज हैं। यह वह जिला या महानगर अध्यक्ष हैं, जिनका कार्यकाल तीन साल से अधिक हो चुका है या फिर उनके लंबे समय से निष्क्रिय होने की रिपोर्ट हाईकमान तक पहुंची। जिला और महानगर अध्यक्षों के बाद भाजपा के अंदर मंडल और बूथ स्तर की कमेटियों में भी बदलाव तय माना जा रहा है।

भाजपा में फेरबदल की अटकलें तेज

भाजपा ब्रज क्षेत्र में रुहेलखंड, अलीगढ़ और आगरा मंडल आते हैं। यूं तो इसमें 13 जिलें हैं, लेकिन पार्टी ने लोकसभा सीटों की संख्या के हिसाब से 19 जिले बना रखे हैं। प्रत्येक जिले में तीसरे साल जिला और महानगर अध्यक्ष मनोनीत करने का प्रावधान है। कुछ जिला और महानगर अध्यक्षों को छह साल हो चुके हैं तो वहीं कुछ जिला या महानगर अध्यक्ष एमएलसी या फिर अन्य पदों पर समायोजित हो चुके हैं। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की दृष्टि से हाईकमान संगठन को बूथ और मंडल स्तर तक चुस्त-दुरस्त करने में लगा है, ताकि लोकसभा चुनाव में सभी सीटने जीतने की रणनीति को असली जामा पहनाया जा सके। इसी कड़ी में ब्रज क्षेत्र के 19 जिलों में भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्षों में से 50 फीसदी से अधिक बदले जा सकते हैं। इनकी जगह नए चेहरों की ताजपोशी होगी। सूत्रों के अनुसार आगरा मंडल में मथुरा, मैनपुरी, अलीगढ़ मंडल में अलीगढ़, हाथरस, कासगंज और रुहेलखंड मंडल में पीलीभीत, बरेली, आंवला, शाहजहांपुर और बदायूं के जिला और महानगर अध्यक्षों में फेरबदल हो सकता है। आगरा मंडल में आगरा जिले के भाजपा महानगर और जिलाध्यक्षों के अलावा मथुरा में भाजपा महानगर अध्यक्ष के बदलने की खबरें हैं। वहीं अलीगढ़ मंडल के अलीगढ़ जिले के वर्तमान महानगर और जिलाध्यक्ष दोनों पर तलवार लटकी है।

रुहेलखंड मंडल में हो सकता है भारी फेरबदल

रुहेलखंड मंडल के बरेली जिले में भी भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। कुछ समय पहले तक बरेली के जिलाध्यक्ष के दोबारा ताजपोशी की चर्चा थी। मगर, हाल ही में जिलाध्यक्ष के पीछे कुछ विवाद जुड़ गए हैं। इसके चलते उनको बदला भी जा सकता है। दूसरी तरफ चर्चा यह भी है कि जिलाध्यक्ष पर भाजपा के एक बड़े नेता की विशेष कृपा है। अगर यह कृपा बरकरार रही तो तमाम विवादों के बावजूद उनकी दोबारा ताजपोशी हो सकती है। मगर, बदलाव की इस प्रक्रिया में बरेली महानगर अध्यक्ष का हटना लगभग तय है। नए महानगर अध्यक्ष के दावेदारों की दौड़ में यतिन भाटिया का नाम सबसे ऊपर है। दूसरे नंबर पर पूर्व महानगर अध्यक्ष पुष्पेंदु शर्मा और उमेश कठेरिया के अलावा निकाय चुनाव में पार्टी के चुनाव संयोजक रहे अधीर सक्सेना के नाम भी दौड़ में शामिल हैं।

जुलाई के दूसरे या तीसरे सप्ताह तक फेरबदल को दिया जाएगा अंतिम रुप

अधीर सक्सेना बीते निकाय चुनाव में पार्टी के चुनाव संयोजक थे। पार्षदों के टिकट वितरण समेत अन्य कई विवाद उठे, जिनकी रिपोर्ट हाईकमान तक पहुंची। हाईकमान इन क्रियाकलापों से बहुत खुश नहीं है। इसलिए इनकी दावेदारी कमजोर मानी जा रही है। शाहजहांपुर में भाजपा के जिलाध्यक्ष केसी मिश्रा की दोबारा इस पर ताजपोशी हो सकती है क्योंकि उनका अभी 1.5 साल का कार्यकाल ही हो पाया है। मगर, यहां भाजपा के महानगर अध्यक्ष का बदलना लगभग तय है। पीलीभीत में भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह का हटना भी तय है। उनकी जगह नए चेहरे को मौका दिया जाएगा। यहां जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में ब्राम्हण चेहरों में भाजपा के पुराने कार्यकर्ता रजनीश पांडेय, पूर्व जिला उपाध्यक्ष धीरेंद्र मिश्र के अलावा एक और नाम भी चर्चा में है।

नए चेहरों को मिलेगी तरजीह

नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ब्रज क्षेत्र संगठन में नए चेहरों को तरजीह दी जाएगी। पुराने निष्क्रिय पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों से हटाकर उनको दूसरे कामों में लगाया जाएगा। वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार पार्टी हाईकमान ने प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य तभी पूरा होगा, जब ब्रज क्षेत्र की सभी सीटों पर पार्टी प्रत्याशी जीते। इसी के मद़्देनजर चुनावी रणनीति बनाई गई है। पार्टी संगठन में बदलाव भी इसी रणनीति के तहत किया जा रहा है। जिला और महानगर अध्यक्ष बदलने के बाद मंडल और बूथ स्तर पर भी संगठन में बदलाव किया जाएगा।

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