दिल्ली में उफान पर यमुना, केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री को लिखा पत्र
नई दिल्ली। उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में लगातार बारिश हो रही है। खराब मौसम के चलते बीते 4 दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों में 100 से ज्यादा लोग की जान चली गई। आठ जुलाई से अब तक हिमाचल प्रदेश में 36, उत्तर प्रदेश में 34, जम्मू-कश्मीर में 15, उत्तराखंड में 9, दिल्ली में 5 और राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में एक-एक की मौत हुई है। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शाम 6 बजे तक 207.81 मीटर पहुंच गया। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने यमुना किनारे निचले इलाकों में रह रहे लोगों से कहा है कि वे इंतजार नहीं करें, फौरन इन इलाकों को खाली कर दें।
हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश का दौर भले ही थम गया हो लेकिन दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भूस्खलन और मकान ढहने की कई घटनाओं में जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। प्रदेश में बुधवार शाम तक 1,189 सड़कें, 3,200 जलापूर्ति योजनाएं और 1,128 यातायात रूट प्रभावित रहे। 10 हजार टूरिस्ट जगह-जगह फंसे हैं। चंद्रताल में 3 फीट बर्फ जम गई है। 6 हेलिकॉप्टर रेस्क्यू में लगाए गए हैं। कुल्लू में ब्यास नदी के बहाव में आधा सैंज बाजार ही बह गया। उत्तराखंड में लैंडस्लाइड की वजह से गंगोत्री और यमुनोत्री नेशनल हाईवे कई जगहों पर बंद हैं। यहां 3 से 5 हजार लोग फंसे हुए हैं। हिमाचल में प्रदेश फिर भारी बारिश का अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कई भागों में 15 व 16 जुलाई को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के कई भागों में 18 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। वहीं, राजधानी शिमला में आज हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बुधवार को राज्य में हुई भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए लगभग 4-5 जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद उन्होंने अंबाला में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की और जिले में बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की। वहीं, एयर फोर्स स्टेशन का जायजा लिया। इसके साथ ही अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
उत्तराखंड में मानसून ने धमाकेदार एंट्री की है। एक जुलाई से अब तक प्रदेश में सामान्य से सात प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। इसका सीधा असर सड़कों पर भी पड़ा है। भारी बारिश के चलते पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और दूसरे अन्य कारणों से अब तक 1500 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं, जबकि पिछले वर्ष जुलाई के अंत तक यह आंकड़ा मात्र 1400 पहुंचा था।
दिल्ली में बाढ़ कभी भी ले सकती है रौद्र रूप
जी-20 शिखर सम्मलेन होना है, बाढ़ आई तो दुनिया में नहीं जाएगा अच्छा संदेश
नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना के बढ़ते जल स्तर को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गंभीर चिंता जताते हुए बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में पिछले तीन दिनों से बारिश नहीं हो रही है। इसके बाद भी यमुना का जल स्तर बढ़ता जा रहा है, क्योंकि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। 1978 के बाद पहली बार यमुना का जल स्तर 207.55 मीटर हुआ है और आज रात यह 207.72 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। सीएम ने केंद्रीय गृहमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा है कि अगले कुछ हफ्तों में दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन होने वाला है। ऐसे में अगर दिल्ली में बाढ़ आई तो दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। इसलिए हथिनीकुंड से सीमित गति में पानी छोड़ा जाए, ताकि यमुना का जलस्तर और न बढ़े।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हथिनी कुंड बैराज से नियंत्रित स्तर पर पानी छोड़ने की अपील करते हुए दिल्ली में पैदा हो रहे बाढ़ के हालत पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा है कि आज दोपहर 1 बजे दिल्ली में यमुना का स्तर 207.55 मीटर पहुंच गया है। यह खतरे के निशान (205.33 मीटर) से बहुत ऊपर है। इसके पहले यमुना का अभी तक अधिकतम जल स्तर 1978 में पहुंचा था, तब यमुना का जल स्तर 207.49 मीटर था। उस वक्त दिल्ली में बाढ़ आ गई थी और काफी गंभीर स्थिति हो गई थी। 207.55 मीटर के स्तर पर अब यमुना में कभी भी बाढ़ आ सकती है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने पत्र में लिखा कि दिल्ली में पिछले तीन दिन से बारिश नहीं हुई। दिल्ली में यमुना में पानी का स्तर दिल्ली की बारिश की वजह से नहीं बढ़ रहा, बल्कि हरियाणा स्थित हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की वजह से लगातार बढ़ रहा है।
निरस्त ट्रेनों के प्रभावित यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर उत्तर रेलवे ने उठाए विभिन्न कदम
पिछले 2 दिनों में रेलवे स्टेशनों से की गई 52,93,938 रुपये की धन वापसी
नई दिल्ली। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और जम्मू एवं कश्मीर में लगातार बारिश और खराब मौसम के चलते उत्तर रेलवे के अम्बाला, दिल्ली, फिरोजपुर और मुरादाबाद मण्डलों पर रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं । भारी वर्षा और जलभराव से उत्तर रेलवे के कई सेक्शन प्रभावित हुए हैं । जिसके चलते 201 मेल/एक्सप्रेस और 199 पैसेंजर रेलगाड़ियां रद्द की गई हैं, 92 रेलगाड़ियों की यात्रा गंतव्य से पहले समाप्त की गईं और 68 रेलगाड़ियों को अपने निर्धारित गंतव्य स्टेशन से पहले प्रस्थान करना पड़ा ।
रेलयात्रियों को सुविधा देने के लिए, रेलगाड़ियों को परिवर्तित मार्ग से चलाया गया/गंतव्य से पहले उनकी यात्रा समाप्त की गई/प्रस्थान स्टेशनों को बदलना पड़ा तथा इन सबकी सूचना एसएमएस के द्वारा यात्रियों को दी गई। सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को मार्गदर्शन देने के लिए हेल्प डेस्क खोले गए हैं। निरस्त रेलगाड़ियों के निरस्त/मार्ग परिवर्तित/गंतव्य से पहले यात्रा समाप्त/प्रारंभ करने संबंधी उद्घोषणाएं स्टेशनों पर नियमित रूप से की जा रही हैं। सूचना देने और यात्रियों के टिकटों की धन वापसी के लिए उत्तर रेलवे के विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं। खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाई गई है। प्रभावित यात्रियों को सड़क मार्ग द्वारा उनके गंतव्य स्टेशनों तक ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है। उत्तर रेलवे ने हरियाणा और उत्तराखण्ड की सरकारों से बसें लगाने के संबंध में समन्वय बनाया है । स्थिति की लगातार निगरानी के लिए अधिकारियों द्वारा मुख्यालय और मण्डल नियंत्रण कार्यालयों में कर्मचारियों की तैनाती की गई हैं । जलभराव/यातायात/यात्रियों की सूचना देने के लिए रेल कर्मचारियों को तैनात किया गया है तथा स्थिति की नियमित निगरानी की जा रही है। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे स्टेशनों पर 18 अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं। इनमें नई दिल्ली में 2, दिल्ली जं. में 1, आनंद विहार टर्मिनल में 1, हजरत निजामुद्दीन में 1, गाजियाबाद में 1, मेरठ सिटी में 1, अम्बाला छावनी में 1, बठिंडा में 1, मुरादाबाद में 2, हापुड में 1, रुड़की में 1, देहरादून में 2, हरिद्वार में 2 और लखनऊ में 1 अतिरिक्त काउंटर खोला गया है । पिछले 2 दिनों में रेलवे स्टेशनों पर 52,93,938 रुपए की कुल धन वापसी की गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यात्रियों को यात्रा के दौरान कोई असुविधा न हो, इसके लिए नियंत्रण कार्यालय में चौबीसों घण्टे स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। स्टेशनों पर यात्रियों को मार्गदर्शन देने के लिए नियमित उद्घोषणाएं की जा रही हैं, हैल्प डैस्कों और अतिरिक्त काउंटरों का प्रावधान किया गया है । रेलगाड़ियों के गंतव्य से पूर्व यात्रा समाप्त करने के मामलों में यात्रियों को सूचना देने और धन वापसी के लिए रिफंड/ई-रिफंड सुनिश्चित किया जाता है।